वित्तमंत्री का साहसिक बजट: मिडिल क्लास को राहत, अर्थव्यवस्था को नई उड़ान…

मिडिल क्लास को राहत, अर्थव्यवस्था को नई उड़ान…
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ज्ञानेश पाठक: एक बार में आयकर सीमा को 71 फीसदी बढ़ाना कोई साधारण बात नहीं है। दुनिया भर में ऐसा कभी नहीं देखा गया है । अब एक लाख रुपए महीने कमाने पर आयकरदाता को कोई टैक्स नहीं देना होगा । नौकरीपेशा वर्ग को सालाना 12.75 लाख तक की कमाई आयकर से मुक्त रहेगी।

वित्तमंत्री के इस साहसिक फैसले से सरकार को जरूर एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व नुकसान होगा। मगर एक करोड़ से ज्यादा करदाताओं को फायदा होगा। अब वे टैक्स के दायरे से बाहर निकल जाएंगे।

यानि लगभग 25 फीसदी टैक्सपेयर्स पर वित्तमंत्री के इस दूरदर्शी सोच का असर पड़ेगा । 2025-26 के बजट में कई ऐसे कदम उठाए गए हैं जिनका असर लंबी अवधि में देखने को मिलेगा। अन्नदाता किसान, स्टॉर्टअप, मेडीकल टूरिज्म, इन्फ्रास्ट्रक्चर, निर्यात, इलेक्ट्रिक कार, पर बजट में विशेष फोकस किया गया है।

वित्तमंत्री बधाई की पात्र इसलिए भी हैं, क्योंकि कोराना काल के बाद यह सबसे कठिन समय माना जा रहा है । भू राजनैतिक तनाव , ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति के चलते दुनिया भर में उथल पुथल है। ऐसे में मिडिल क्लास को खुश ही नहीं , खिलखिलाने का अवसर देता यह बजट मोदी सरकार के आत्मविश्वास को दिखाता है । सकल घरेलू उत्पाद बनाम ऋण अनुपात नियंत्रण में रखा गया है।

वित्तमंत्री अपने पिछले बजट के वायदे पर आज भी कायम हैं। यानि राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 4.4 प्रतिशत रहेगा। भारत की ताकत उसकी जनसंख्या है। ऐसे में लोगों के हाथों में ज्यादा पैसा होने का फायदा बढ़ते उपभोग के रूप में मिलेगा।

इस बात की प्रबल संभावना है, सरकार के राजस्व का नुकसान अर्थव्यवस्था को तीन से चार गुना ज्यादा लाभ पहुंचाएगा। अंत में सरकार को भी बढ़े हुए आकार का लाभ मिलेगा। बुजुर्गों के लिए बजट खास है। अब ब्याज की आमदनी एक लाख होने तक और किराये की इनकम छह लाख तक कोई टीडीएस नहीं कटेगा।

किसानों को आसानी से ज्यादा ऋण मिल पाएगा। इससे वह साहूकारों के चंगुल से बच जाएगा। इसके अलावा किसान धन धान्य योजना का भी लाभ उन्हें मिलेगा। कुल मिलाकर बजट देश की खुद की ताकत और आत्मविश्वास बताता है।

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