बर्धमान: RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, कहा - संघ का उद्देश्य है हिन्दू समाज को एकजुट करना

RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान
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RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान

बर्धमान, पश्चिम बंगाल। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को दुनिया की विविधता को अपनाने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हिंदू समाज का मानना ​​है कि एकता में ही विविधता समाहित है। सरसंघचालक मोहन भागवत ने यह भी कहा कि, संघ का उद्देश्य हिन्दू समाज को एकजुट करना है।

बर्धमान के साई ग्राउंड में आरएसएस के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने हिंदू समाज के भीतर एकता की जरूरत दोहराई और कहा कि अच्छे समय में भी चुनौतियां बनी रहेंगी। उन्होंने कहा, "हमें हिंदू समाज को एकजुट और संगठित करने की जरूरत है...समस्या की प्रकृति अप्रासंगिक है; महत्वपूर्ण यह है कि हम उनका सामना करने के लिए कितने तैयार हैं।"

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने यह भी कहा कि, "आज कोई खास कार्यक्रम नहीं है। संघ के उत्सव होते हैं वह भी नहीं है। ऐसा कोई दिन नहीं है कि, इतनी कड़ी धूप में हम बैठे रहें। यहां आने में कई तरह बाधाएं आई होंगी। संघ से अनभिज्ञ लोगों के मन में यह सवाल है कि, संघ क्या करना चाहता है? अगर हमें यह जवाब देना है कि 'संघ' क्या चाहता है तो मैं कहूंगा कि यह 'संघ' हिंदू समाज को संगठित करना चाहता है क्योंकि देश का जिम्मेदार समाज हिंदू समाज है।"

"अमृत वचन सभी ने सुना। भारत वर्ष सिर्फ भूगोल नहीं है। यह छोटा - बड़ा होता रहता है। भारतवर्ष तब कहा जाता है जब उसका एक स्वभाव होता है। भारत का एक स्वाभाव है। उस स्वभाव के साथ हम नहीं रह सकते ऐसा जिन्हें लगा उन्होंने अपना अलग देश बना लिया। स्वाभाविक है जो नहीं गए उन्हें भारत नाम का स्वभाव चाहिए। भारत का स्वभाव 15 अगस्त 1947 से भी प्राचीन है। इंडो - इरानियन प्लेट पर रहने वाले सभी का यह स्वभाव है। वह स्वाभाव है कि, विश्व की विविधताओं को स्वीकार करके वह आगे बढ़ता है। एक सत्य शाश्वत है जो कभी नहीं बदलता।"

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