सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से हथियारों की बरामदगी पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से हथियारों की बरामदगी पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी
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नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को सभी स्रोतों से हथियारों की बरामदगी पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अवैध हथियारों के मामले पर राज्य सरकार को कार्रवाई करनी ही होगी, चाहे वह किसी भी पक्ष के पास हो। कोर्ट ने राज्य मे भोजन और दवाइयों की सप्लाई और उपलब्धता को लेकर चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट मांगी है। मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते के बाद होगी।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि खाना और दवाइयों समेत दूसरी बुनियादी सुविधाओं की लगातार आपूर्ति हो रही है। यह कहना कि बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही हैं, यह गलत है। जहां जाने का साधन नहीं है, वहां पर एयर लिफ्ट कराया जा रहा है। मेहता ने कहा कि इसे लेकर एक विस्तृत हलफनामा दाखिल कर रहे हैं।

मेहता ने कहा कि सड़क बाधित होने के कारण खाद्यान्न नहीं पहुंच पा रहा है और चिकन पॉक्स के कारण महामारी जैसी स्थिति है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति नहीं है बल्कि खाद्य आपूर्ति लगातार की जा रही है। मेहता ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान इलाके में चिकन पॉक्स जैसी बीमारी के फैलने और मोरेह इलाके में रास्ता बाधित होने की वजह से फूड सप्लाई में दिक्कत होने की आशंका जताई गई थी जबकि दोनों दावे गलत पाए गए हैं। चिकन पॉक्स का वहां सिर्फ एक केस है और सरकार शुरुआत से ही वहां फूड सप्लाई और जरूरी चीजों की सप्लाई सुनिश्चित कर रही है।

उन्होंने कहा कि इस मामले में जैसा माहौल बनाया जा रहा है, इसे लेकर सरकार चिंतित है। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि कमेटी रिपोर्ट में रखे तथ्यों को वेरिफाई कर सकती है। इस पर मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को चाहिए कि वो स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें। हर चीज के लिए कमेटी को परेशान नहीं किया जा सकता। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि जब कोई शिकायत करता है, तो हम यह नहीं मान सकते कि शिकायत झूठी है। अदालत नागरिकों के अधिकारों और भोजन आदि के बारे में चिंतित है, हम सरकार से जांच करने के लिए कहेंगे।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील आनंद ग्रोवर ने आरोप लगाया कि कमेटी के पास कोई फंड नहीं है। इस पर चीफ जस्टिस ने इस मामले को तुषार मेहता से देखने को कहा। अवैध हथियारों के मामले पर चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले मे राज्य को कार्रवाई करनी ही होगी, चाहे वह किसी भी पक्ष के पास हों। कोर्ट ने राज्य में भोजन और दवाइयों की सप्लाई और उपलब्धता को लेकर चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट मांगी।विशेषज्ञों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के गृह सचिव को समिति के अध्यक्ष के साथ सीधे बातचीत करने का निर्देश देते हुए विशेषज्ञों के नामों को तय करने के लिए तीन दिनों का समय दिया। कोर्ट ने पीड़ितों को मुआवजा योजना को लेकर उठाए गए कदमों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

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