जानिए कौन है इंजिनियर से संत बने अमोघ लीला दास ? जिन पर ISKCON ने लगा दिया एक माह का बैन

जानिए कौन है इंजिनियर से संत बने अमोघ लीला दास ? जिन पर ISKCON ने लगा दिया एक माह का बैन
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अमोघ लीला दास ने स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस पर निशाना साधा

कोलकाता। इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) ने रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले अपने भिक्षु अमोघ लीला दास को एक महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। इसके साथ ही उन्हें एक महीने के लिए सार्वजनिक जीवन से खुद को अलग करने को कहा गया है।

मछली खाने के लिए स्वामी विवेकानन्द की आलोचना करने वाली साधु की टिप्पणी ने पश्चिम बंगाल में भारी विवाद पैदा कर दिया है। बंगाल में मछली न केवल बहुसंख्यक आबादी के आहार का एक अनिवार्य हिस्सा है बल्कि कुछ धार्मिक परंपराओं में देवताओं को भी इसे अर्पित किया जाता है।दरअसल, अमोघ लीला दास ने एक सप्ताह पहले पानीहाटी में न केवल स्वामी विवेकानन्द की आलोचना की बल्कि रामकृष्ण परमहंस की जितने मत उतने पंथ पर भी सवाल उठाया था। इस पर उनकी चौतरफा आलोचना हो रही थी। उन्होंने कहा था कि "यदि स्वामी मी विवेकानंद मछली खाएं तो क्या वो एक सिद्ध पुरूष हैं? क्योंकि कभी कोई सिद्ध पुरूष मछली नहीं खाएगा क्योंकि मछली को भी दर्द होता है। सिद्ध पुरूष के दिल में करूणा होती है, इतना ही नहीं अमोघ दास लीला ने यहां तक कह दिया कि स्वामी विवेकानंद की कुछ चीजें स्वीकार्य नहीं हैं।''

इस्कॉन ने लगाया प्रतिबंध -

इसके अलावा उन्होंने रामकृष्ण परमहंस को भी निशाना बनाया। इसके बाद इस्कॉन ने विवाद बढ़ता देख अमोघ लीला दास पर एक माह प्रतिबंध लगा दिया।इस्कॉन ने अपने बयान में कहा कि इन प्रतिष्ठित हस्तियों के प्रति अमोघ लीला दास की अपमानजनक टिप्पणियां, मुख्य रूप से उनकी आहार संबंधी प्राथमिकताओं के उद्देश्य से, न केवल अपमानजनक हैं, बल्कि आध्यात्मिक पंथों और व्यक्तिगत विकल्पों की विविधता के बारे में सजगता की कमी को भी दर्शाती हैं। ये कार्रवाइयां आपसी सम्मान, धार्मिक सहिष्णुता और सद्भाव के बुनियादी सिद्धांतों को कमजोर करती हैं जो एक शांतिपूर्ण समाज के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं।

कौन है अमोघ लीला दास -

अमोघ दास लीला की उम्र 43 वर्ष है, वह लखनऊ के एक धार्मिक परिवार से संबंध रखते है। उन्होंने साल 2004 में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है। उसके बाद उन्होंने अमेरिका के एक मल्टीनेशनल कॉरपोरेशन के लिए काम करना शुरू कर दिया। साल 2010 में कॉर्पोरेट वर्ल्ड को छोड़ने के फैसले से पहले उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर का पद भी संभाला था। 29 साल की उम्र में वह इस्कॉन में शामिल हो गए और कृष्ण ब्रह्मचारी बन ग। इंजीनियर से संत बने अमोघ दास लीला को सोशल मीडिया पर कई लोग फॉलो करते हैं।


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