P20 Summit : वैश्विक नेताओं ने 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' को सराहा, कहा - भारत महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए गंभीर

P20 Summit : वैश्विक नेताओं ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को सराहा, कहा -  भारत महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए गंभीर
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बांग्लादेश संसद की अध्यक्ष शिरिन शर्मीन चौधरी ने कहा कि दुनिया के विकास में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

नईदिल्ली। ऑस्ट्रेलियाई सीनेट की सभापति सुए लाइन्स ने कहा कि भारत की संसद ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास किया है। यह महिलाओं के लिए खुशी की बात है। इससे पता चलता है कि'' हैं।

लाइन्स ने शनिवार को दिल्ली के यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में 9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) के अंतिम दिन कहा कि भारत ने अपने संविधान में संशोधन कर महिलाओं को आरक्षण देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भारत का नया संसद भवन बहुत सुंदर बनाया गया है। इस नये संसद भवन में आयोजित पहले सत्र में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास किया। इससे पता चलता है कि भारत महिलाओं के अधिकारों को लेकर गंभीर है।




ओमान राज्य परिषद की उपाध्यक्ष डॉ. बदरिया इब्राहिम अल शिही ने पी20 शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन 'महिला-नेतृत्व वाला विकास' पर आयोजित सत्र के दौरान कहा कि ओमान सल्तनत महिलाओं को समान नेतृत्व और अवसर प्रदान करने में विश्वास रखता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व दुनिया की संसदों में बढ़ना चाहिए।

बांग्लादेश संसद की अध्यक्ष शिरिन शर्मीन चौधरी ने कहा कि दुनिया के विकास में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विकासशील देशों में महिलाएं खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने में अहम् भूमिका निभा रही हैं। ऐसे में उनके योगदान को कम नहीं आंका जाना चाहिए। बांग्लादेश में तो रेडीमेड परिधान क्षेत्र में काम करने वाली लगभग 04 मिलियन महिलाएं देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही हैं। महिलाएं किसी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। उनका उचित प्रतिनिधित्व समय की मांग है।दक्षिण अफ्रीका की नेशनल असेंबली की अध्यक्ष नोसिविवे नोलुथांडो मापिसा-नकाकुला ने कहा कि महिलाओं के प्रति लोगों को दृष्टिकोण बदलने की जरूरत है। वह हर क्षेत्र में अच्छा कर रही हैं। इसके बावजूद उनपर संदेह जताया जाता रहा है।

उल्लेखनीय है पी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से लोगों के जीवन में बदलाव, महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास, एसडीजी में तेजी लाना और सतत ऊर्जा रूपांतरण, प्रकृति के साथ संयोजन में हरित और टिकाऊ भविष्य की दिशा में पहल पर चर्चा हुई। इस दौरान जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया।

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