यूरोप में ब्रिटेन बना कोरोना का सबसे बड़ा केन्द्र
लंदन। ब्रिटेन में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस महामारी से 693 लोगों की मौत हुई है। कोरोना से अब तक देश भर में 29,427 लोगों की जान गई है। इसके साथ ही यहां कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या पूरे यूरोप में सबसे अधिक हो गई है। हालांकि, नए आंकड़ों से पता चला है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण से 30,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है जो आधिकारिक आंकड़ों से कहीं ज्यादा है।
ओएनएस ने कहा कि COVID-19 की वजह से इंग्लैंड और वेल्स में 24 अप्रैल तक 29, 710 लोगों की मौत हुई है, जबकि इसी अवधि के आधिकारिक आंकड़ों में 22,173 लोगों की मौत की बात कही गई है। सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़े सरकारी आंकड़ों से 34 प्रतिशत ज्यादा हैं। स्कॉटलैंड और नॉर्दन आयरलैंड के आकंड़े अलग से जमा किए गए हैं, जिसके बाद आंकड़ा 30,000 के पार चला गया।
ब्रिटेन के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक 29,427 लोगों की मौत हो चुकी है, जो इटली के 29,315 मौत के आंकड़ों से अधिक है। सांख्यिक कार्यालय के आंकड़े में उन मौतों को भी शामिल किया गया है जो COVID-19 के संदिग्ध थे और उनकी जांच नहीं हुई थी। बता दें कि ब्रिटेन के बाद अब यूरोप में कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें इटली, स्पेन और फ्रांस में हुई हैं। स्पेन में 25 हजार 857 लोगों की जान गई है, जबकि फ्रांस में इस वायरस की वजह से 25 हजार 531 लोगों की जान गई है। कोरोना वायरस महामारी से ब्रिटेन में मौतों का आंकड़ा यूरोप में सबसे ज्यादा हो गया है। एक शोध के मुताबिक, कोरोना वायरस म्यूटेट यानी रूप बदलकर ब्रिटेन और यूरोपीय देशों में अधिक खतरनाक रूप अख्तियार कर लोगों को संक्रमित कर रहा है। अध्ययन में कहा गया है कि यूरोपीय देशों में फैला वाला वायरस चीन के कोरोना वायरस से अलग है और यह और भी ज्यादा घातक है। अमेरिका और ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने कोरोना मरीजों के सैंपल का अध्ययन करने के बाद पाया कि यह चीन में फैले कोरोना वायरस से अपना रूप बदल चुका है। उनका कहना है कि वायरस का यह बदला हुआ स्वरूप अधिक तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है।