चीन ने पाकिस्तान से मांगी मदद, ये है मामला
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बीजिंग। शीतकालीन ओलंपिक उद्घाटन के अवसर पर चीन ने उइगर मुसलमानों को लेकर हो रही अंतरराष्ट्रीय चर्चाओं से निपटने के लिए पाकिस्तान से मदद मांगी है। इस बीच बीजिंग में रूसी राष्ट्पति व्लादिमीर पुतिन के साथ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग देखे गए हैं। इस दौरान चीन और रूस ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) को मजबूत बनाए जाने पर जोर दिया। इस संगठन में भारत और पाकिस्तान भी हैं।
शिनजियांग प्रांत की बहुसंख्यक उइगर आबादी के उत्पीड़न का मसला वर्षों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाया हुआ है। विदित हो कि इमरान के बीजिंग जाने का बड़ा मकसद चीन से तीन अरब डॉलर (करीब 22 हजार करोड़ भारतीय रुपये) की वित्तीय मदद लेना है। पाकिस्तान पहले से ही चीन के कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है।जापान की राजधानी टोक्यो स्थित चीन के दूतावास के समक्ष शुक्रवार को तिब्बत, उइगर, दक्षिण मंगोलियाई और हांगकांग के लोगों के समर्थन में प्रदर्शन किया गया। सौ से ज्यादा लोगों ने चीन विरोधी नारेबाजी करते हुए वहां मानवाधिकारों के उल्लंघन के प्रति नाराजगी जाहिर की। यह प्रदर्शन विंटर ओलिंपिक के उद्घाटन वाले दिन किया गया।
अमेरिका और चीन के बीच कटुता चरम पर है, तब कई देशों ने चीन के साथ खड़े होने में हिचक नहीं दिखाई है। विंटर ओलिंपिक आयोजन में मिस्त्र के राष्ट्रपति आब्देल फतह अल-सीसी, सर्बिया के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वूसिस, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान, किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सादिर झापरोव के अतिरिक्त उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के नेताओं ने भी शिरकत की।