नेपाली विमानन कंपनियां यूरोपीय यूनियन की काली सूची में बरकरार

नेपाली विमानन कंपनियां यूरोपीय यूनियन की काली सूची में बरकरार
यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने नेपाल के नागरिक उड्डयन क्षेत्र को काली सूची में बनाए रखा है। वर्ष 2013 से लगातार नेपाल की विमानन कंपनियां यूरोपीय यूनियन की काली सूची में शामिल हैं। यूरोपीय यूनियन ने गुरुवार को उन एयरलाइनों की एक नई सूची प्रकाशित की है जो उड़ान सुरक्षा चिंताओं की सूची में हैं, जिसमें वे सभी एयरलाइनें शामिल हैं जो नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के साथ पंजीकृत हैं और विमानों का परिचालन कर रही हैं।

काठमांडू । यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने नेपाल के नागरिक उड्डयन क्षेत्र को काली सूची में बनाए रखा है। वर्ष 2013 से लगातार नेपाल की विमानन कंपनियां यूरोपीय यूनियन की काली सूची में शामिल हैं। यूरोपीय यूनियन ने गुरुवार को उन एयरलाइनों की एक नई सूची प्रकाशित की है जो उड़ान सुरक्षा चिंताओं की सूची में हैं, जिसमें वे सभी एयरलाइनें शामिल हैं जो नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के साथ पंजीकृत हैं और विमानों का परिचालन कर रही हैं। नेपाली एयरलाइंस को 2013 से इस सूची में शामिल किया गया था। काली सूची में शामिल एयरलाइनों को यूरोपीय यूनियन के देशों के हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने की अनुमति नहीं है।

यूरोपीय यूनियन द्वारा नेपाल की विमानन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किए जाने का मुख्य कारण हवाई उड़ानों की अंतरराष्ट्रीय नियामक संस्था अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के मानक पर खरा नहीं उतरना है। हालाकि नेपाल ने दावा किया है कि उसने आईसीएओ की अधिकतर चिंताओं का समाधान कर दिया है।

नेपाल के नागरिक उड्डयन मंत्री सुदन किरांती ने कई सार्वजनिक कार्यक्रमों और यहां तक कि संसद में भी दावा किया था कि इस बार विमानन कंपनियों को काली सूची से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए नेपाल नागरिक उड्यन प्राधिकरण के अधिकारियों ने सालभर लॉबिंग की थी। नेपाल आने वाले ईयू के प्रतिनिधिमंडल के सामने भी कई बार यह विषय उठाया गया, लेकिन अभी तक नेपाली एयरलाइंस ब्लैकलिस्ट ही हैं। ईयू के इस फैसले से नेपाल एयरलाइंस को सबसे बड़ा झटका लगा है।

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