विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के रक्षा मंत्री से की मुलाकात, अहम मुद्दों पर चर्चा
वाशिंगटन। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से दोनों देशों की रणनीतिक और रक्षा साझेदारी पर विस्तृत विचार-विमर्श किया है। अमेरिका की यात्रा पर गए विदेश मंत्री ने बाइडेन प्रशासन के प्रमुख अधिकारियों से बातचीत करने के साथ ही अमेरिकी संसद में इंडियन कॉकस (समर्थन समूह) के नेताओं से भी विचार-विमर्श किया।
जयशंकर ने अमेरिकी रक्षा मंत्री के साथ बातचीत के बारे में एक ट्वीट के जरिए बताया कि हमने वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर पेश आ रही समकालीन सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की। दोनों पक्ष रणनीतिक सुरक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं।उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति करने में अमेरिकी सेना की भूमिका की भारत सराहना करता है।
विदेश मंत्री ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवन से भी रक्षा सहयोग के संबंध में बातचीत की। बैठक में भारत प्रशांत क्षेत्र और अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर विशेष रूप से चर्चा हुई। जयशंकर ने कोविड वैक्सीन के विकास और उत्पादन के संबंध में अमेरिका के साथ साझेदारी को बहुत महत्वपूर्ण बताया। विदेश मंत्री ने अमेरिका के साथ व्यापार और प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़ाने के मुद्दों पर बाइडेन प्रशासन की व्यापार प्रतिनिधि कैथेरिन ताई के साथ कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था की बहाली के मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कोरोना वैक्सीन के संबंध में बौद्धिक संपदा अधिकार (पेटेंट) में ढिलाई देने के भारत के प्रस्ताव के प्रति अमेरिका के समर्थन का स्वागत किया। विदेश मंत्री ने आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने पर विशेष जोर दिया। महामारी के दौरान चिकित्सा सामग्री और व्यापारिक गतिविधियों के संबंध में आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने पर जोर दिया।
विदेश मंत्री ने गुरुवार को बाइडेन प्रशासन की राष्ट्रीय ऑफिस सलाहकार अवरिल हेंस से मुलाकात की थी। उन्होंने सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने का इरादा किया।विदेश मंत्री ने अमेरिकी संसद में इंडियन कोकस के सहअध्यक्ष ब्रेड शरमन और स्टीव चबोट से मुलाकात की। जयशंकर ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत बनाने में अमेरिकी संसद की प्रमुख भूमिका है। अमेरिकी संसद ने कोरोना महामारी के संबंध में भी भारत के प्रति सहयोग का रवैया अपनाया है। विदेश मंत्री ने अपने वॉशिंगटन प्रवास के दौरान अमेरिकी उद्यमियों से भी बात की।