पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सेना के खिलाफ खोला मोर्चा
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने विपक्ष की रैली में देश की राजनीति पर कब्जा जमाए बैठी सेना के खिलाफ मोर्चा खोला। लंदन में इलाज करा रहे नवाज शरीफ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विपक्ष का साझा रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मुकाबला इमरान खान से नहीं, उन्हें सत्ता में बिठाने वाले लोगों से है। उन्होंने इमरान खान को जितवाने के लिए चुनाव में हेराफेरी का भी आरोप दोहराया। गौरतलब है कि इमरान खान को पाकिस्तान सेना की कठपुतली के रूप में जाना जाता है।
नवाज शरीफ ने कहा, ''हमारा मुकाबला इमरान खान से नहीं है, मैंने चुनाव से पहले भी कहा था और आज भी कह रहा हूं, आज हमारी जद्दोजहद इमरान खान को लाने वालों के खिलाफ है, जिन्होंने इस तरह चुनाव चोरी करके ऐसे नाकाबिल बंदे को बिठाया है और मुल्क को बर्बाद कर दिया है।''
नवाज शरीफ ने कहा, ''यदि बदलाव नहीं लाया गया तो देश का ऐसा नुकसान होगा जिसकी भरपाई नहीं हो सकती है। यह बहुत जरूरी है कि सेना सरकारी सिस्टम से दूर रहे। हमारे संविधान और कायदे-आज़म के भाषण के मुताबिक लोगों की पसंद में सेना दखलअंदाजी ना करे। हमने इस देश को अपनी और दुनिया की नजरों में जोक बना दिया है।''
मंच के लिए पीपीपी चेयरपर्सन बिलावल भुट्टो जरदारी को शुक्रिया कहते हुए नवाज शरीफ ने कहा, ''मैं देश में नहीं हूं लेकिन जानता हूं कि देश और लोग किस हालात में हैं। मैं मानता हूं कि यह निर्णायक मोड़ है। लोकतंत्र को बचाना जरूरी है और बेखौफ फैसले करने होंगे। यदि हम आज कदम नहीं उठाएंगे तो कब उठाएंगे। मैं मौलाना फजलुर रहमान से सहमत हूं कि हमें इस कांफ्रेंस को उद्देश्यपूर्ण बनाना होगा नहीं तो लोग निराश होंगे।''
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ एक साल के लंबे अंतराल के बाद देश की राजनीति में वापसी की तैयारी कर रहे हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख शरीफ (70) को पिछले साल लाहौर उच्च न्यायालय ने इलाज के वास्ते चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी, जिसके बाद वह नवंबर से ही लंदन में रह रहे हैं। पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर को छह जुलाई 2018 को एवनफील्ड संपत्ति मामले में दोषी करार दिया गया था।