रूस-यूक्रेन तनाव कम करने मास्को व कीव जाएंगे फ्रांस और जर्मनी के प्रमुख
मास्को। रूस और यूक्रेन संकट के बीच इस तनाव को कम करने के लिए जल्द ही फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और जर्मनी के चांसलर ओलफ शुल्ज मास्को के साथ कीव का दौरा करेंगे। दोनों देशों के प्रमुख टकराव की स्थितियों को टालने की कोशिश करेंगे।
तनाव कम करने के लिए लगातार सक्रिय मैक्रॉन सोमवार को मास्को जाएंगे, जबकि मंगलवार को कीव जाएंगे। जर्मन चांसलर 14 को मास्को और 15 को कीव जाएंगे।फ्रांस और जर्मनी यूरोपीय यूनियन के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली सदस्य हैं। दोनों ही देश नाटो में भी शामिल हैं। यूक्रेन को नाटो में शामिल न किए जाने की रूस की मांग के समर्थन में चीन के खड़े होने के बाद रणनीतिक हालात तेजी से बदले हैं।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा है कि नाटो का विस्तार अब नहीं होना चाहिए। इतना ही नहीं, चीन ने यह भी कहा है कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र में गुट बनाने की कोशिश रुकनी चाहिए। इससे मतभेद बढ़ेंगे और क्षेत्रीय शांति को खतरा पैदा होगा।रूस और चीन के साथ आने से यूक्रेन विवाद को लेकर खतरा और बढ़ गया है। जबकि अमेरिका ने कहा है कि रूस यूक्रेन पर हमला करने के लिए मनगढ़ंत बातें कर रहा है और बेवजह खतरा पैदा होने की बात कह रहा है। वह हमले के लिए पहले से तैयार योजना पर कार्य कर रहा है।
इससे पहले बुधवार को मैक्रॉन ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर बात की थी। जबकि गुरुवार को उनकी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से वार्ता हुई थी।बता दें कि रूस के प्रति चीन के समर्थन से हालात और जटिल हो गए हैं। इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा है कि नाटो का विकास नहीं होना चाहिए। मैक्रों और शुल्ज की रूस यात्रा चीन का रुख सामने आने के बाद हो रही है।