अमेरिकी सांसद का बड़ा बयान, कहा - चीन को पछाड़ने के लिए भारत का साथ जरूरी

अमेरिकी सांसद का बड़ा बयान, कहा - चीन को पछाड़ने के लिए भारत का साथ जरूरी
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चार्ल्स शूमर ने कहा कि हमने यह भी तर्क दिया कि यह निरंकुशता और लोकतंत्र के बीच की लड़ाई है।

वाशिंगटन। पिछले सप्ताह भारत की यात्रा करने वाले अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख सदस्य न्यूयॉर्क के सीनेटर चार्ल्स शूमर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हुई मुलाकात में बातचीत का मसौदा मंगलवार को साझा किया। उन्होंने कहा कि अगर हम इस सदी में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को पछाड़ना चाहते हैं, तो अमेरिका और पश्चिमी देशों को भारत के साथ अपने संबंधों को गहरा करने का प्रयास जारी रखना होगा।

शूमर के साथ भारत पहुंचे अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में सीनेटर रॉन विडेन, जैक रीड, मारिया कैंटवेल, एमी क्लोबुचर, मार्क वार्नर, गैरी पीटर्स, कैथरीन कॉर्टेज-मस्तो और पीटर वेल्च शामिल थे। ये सभी सीनेटर सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के हैं।संवाददाता सम्मलेन में शीर्ष अमेरिकी सीनेटरों के इस समूह ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन युद्ध के विषय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा कि यह निरंकुशता और लोकतंत्र के बीच लड़ाई है। यूक्रेन को और मदद मुहैया कराने के लिए लोकतांत्रिक देशों को एकजुट होना चाहिए।

चार्ल्स शूमर ने कहा कि हमने यह भी तर्क दिया कि यह निरंकुशता और लोकतंत्र के बीच की लड़ाई है। हमने प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष यह मामला उठाया। हमने कहा अगर रूस जैसी निरंकुशता प्रबल होती है तो चीन जैसी निरंकुशता को और बल मिल सकता है। यह सिर्फ ताइवान का मसला नहीं है। वर्षों से चीन और भारत के बीच सीमा विवाद रहा है। हाल ही में वहां संघर्ष हुआ था।

शूमर ने कहा कि यूक्रेन में लड़ाई का प्रभाव भारत में भी होगा। हमने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका को जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य प्रशांत सहयोगियों के साथ सहयोग और समन्वय करना चाहिए। भारत को सहकारी विकास और सह उत्पादन प्रणाली के बारे में सोचना शुरू करना चाहिए, ताकि हम अपने रक्षा औद्योगिक आधार का विस्तार कर सकें।

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