अमेरिका के प्रस्ताव पर इजराइल की ना, मानवीय संघर्ष विराम के आग्रह को इसलिए ठुकराया
तेल अवीव । अमेरिका के गाजा में मानवीय संघर्ष विराम के आग्रह को इजराइल ने पूरी दृढ़ता से ना कहकर खारिज कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन इजराइल-हमास के बीच छिड़े युद्ध के 28वें दिन शुक्रवार को राजधानी तेल अवीव पहुंचे। उन्होंने इजराइली नेताओं से मुलाकात कर मानवीय आधार पर संघर्ष विराम का अनुरोध किया।
ब्लिंकन ने कहा कि 'मैं इस बात पर भी जोर देता हूं कि न केवल नागरिकों की सुरक्षा होनी चाहिए गाजा में, बल्कि वेस्ट बैंक में भी, जहां फिलिस्तीनियों के खिलाफ उकसावे और चरमपंथी हिंसा को रोका जाना चाहिए और अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। तीसरा, हमें गाजा में मानवीय सहायता के निरंतर प्रवाह को पर्याप्त रूप से और तुरंत बढ़ाने और अमेरिकी नागरिकों और अन्य विदेशी नागरिकों को गाजा से बाहर लाने की जरूरत है। जिस पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ब्लिंकन के 'मानवीय संघर्ष विराम' के आग्रह को दृढ़ता से खारिज कर दिया।
दरअसल, इस मामले में इजराइल पीएम नेतन्याहू ने कहा कि कोई भी संघर्ष विराम बंधकों की रिहाई पर निर्भर था। उन्होंने कहा कि अब स्थिति संघर्ष विराम की नहीं है। बंधकों की रिहाई पर हमास के कड़े रुख के कारण लड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। ब्लिंकन ने नेतन्याहू से मुलाकात के दौरान गाजा में अत्यधिक आवश्यक भोजन, पानी, दवा और अन्य आपूर्ति की अधिक आपूर्ति की अनुमति और सुविधा प्रदान करने के लिए मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया था।
उल्लेखनीय है कि इजरायल-हमास युद्ध का आज 29वां दिन है। सात अक्टूबर को अचानक हमास ने इजराइल पर तीन ओर से क्रूर हमला किया था। इस दौरान आसमान में असंख्य रॉकेट दागे। जमीन पर भी सीमा पार करके हमास के कमांडो ने इजराइल में मौत का तांडव मचाया। साथ में कई नागरिकों को अपने साथ बंधक बनाकर ले आए। हमास के हमले में इजराइल के 1400 के करीब लोग मारे गए और 245 लोगों को बंधक बना लिया गया। इसके बाद इजराइल ने पलटवार किया और अभी तक गाजा में इजराइली हमले जारी हैं।
आपको बतादें कि इस पूरे मामले में आतंकवादी संगठन हमास के खिलाफ लिए गए सख्त इजरायली कार्रवाई ने खासकर अधिकांश मुस्लिम देशों में बेचेनी बड़ा रखी है । वे हमास जैसे आतंकी संगठन के समर्थन में और इजराइल के विरोध में उतर आए हैं। अरब देश हमास के समर्थन में सीधे-सीधे सामने से आकर विरोध करते दिख रहे हैं । साथ ही वो आतंकी संगठन भी हैं, जिनकी पहले से इजरायल के साथ दुश्मनी चल रही थी। इनमें लेबनान में सक्रिय आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह भी शामिल है । शुक्रवार को हिज्बुल्लाह का चीफ नसरुल्लाह हमास-इजरायल युद्ध के बाद पहली बार सामने आया। हमास के समर्थन में उतरा हिज्बुल्लाह लेबनान बॉर्डर पर इजरायल पर हमले कर रहा है। इजरायल भी जवाबी हमले कर रहा है ।