भारत की कनाडा को दो टूक, नहीं है जांच से कोई इनकार, अपने आरोप के समर्थन में सबूत दे कनाडा
लंदन । भारत किसी जांच से इनकार नहीं कर रहा है लेकिन कनाडा ने अपने आरोप के समर्थन में भारत से कोई प्रमाण साझा नहीं किया है। यह कहना है भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का । वह कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को लेकर बोल रहे थे । पांच दिवसीय दौरे पर ब्रिटेन पहुंचे विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा से एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों की संलिप्तता के उसके आरोप को लेकर सबूत देने को कहा गया। उन्होंने कहा कि भारत का जांच से इनकार नहीं है लेकिन कनाडा ने अपने आरोप के समर्थन में कोई सबूत साझा नहीं किया है।
उन्होंने खालिस्तान समर्थक गतिविधियों का उल्लेख करते हुए कहा कि भाषण या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक निश्चित जिम्मेदारी भी लाती है और उस स्वतंत्रता का दुरुपयोग व राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उसके इस्तेमाल को बर्दाश्त करना गलत होगा।
उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में भारत-कनाडा तनाव के बीच, कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने फिर से भारत पर वियना कन्वेंशन का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था और कहा, कनाडा हमेशा कानून के शासन के लिए खड़ा रहेगा। ट्रूडो ने यह भी कहा कि अगर बड़े देश बिना परिणाम के कानून का उल्लंघन कर सकते हैं तो यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों को "और अधिक खतरनाक" बनाता है। ट्रूडो ने दोहराया कि कनाडा के पास यह मानने के गंभीर कारण हैं कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल हो सकते हैं।
ट्रूडो ने कहा, भारत की प्रतिक्रिया वियना कन्वेंशन के तहत उनके अधिकारों का उल्लंघन करके कनाडाई राजनयिकों के एक पूरे समूह को बाहर निकालना है।" "हम बहुत स्पष्ट हैं कि हम इस गंभीर मामले पर भारत के साथ रचनात्मक रूप से काम करना चाहते हैं। शुरू से ही, हमने वास्तविक आरोपों को साझा किया है जिससे हम गहराई से चिंतित हैं... लेकिन हमने भारत सरकार और साझेदारों से संपर्क किया है दुनिया भर में इसकी तह तक जाने की जरूरत है, इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। यही कारण है कि जब भारत ने वियना कन्वेंशन का उल्लंघन किया और भारत में 40 से अधिक कनाडाई राजनयिकों की राजनयिक छूट को मनमाने ढंग से रद्द कर दिया तो हम बहुत निराश हुए,।
ट्रूडो की यह प्रतिक्रिया अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन द्वारा भारत से खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कनाडा की जांच में सहयोग करने का आग्रह करने के बाद आई थी । आपको बतादें कि 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी। भारत की तरफ से साल 2020 में आतंकवादी घोषित किए गए निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के ट्रूडो के आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच गंभीर तनाव आ गए। यहां यह भी कहा जा सकता है कि भारत-कनाडा तनाव तब शुरू हुआ था जब ट्रूडो ने जून में निज्जर की हत्या के पीछे भारत की भूमिका का आरोप लगाया। आरोप के बाद, भारत ने घोषणा की कि वह कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना अस्थायी रूप से निलंबित कर रहा है और ओटावा से भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति को कम करने के लिए कहा है।
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