Hassan Nasrallah Death: जानिये क्या है हिजबुल्ला, कैसे बना इजराइल का सबसे बड़ा दुश्मन

जानिये क्या है हिजबुल्ला, कैसे बना इजराइल का सबसे बड़ा दुश्मन
Hassan Nasrallah Death: आज इजराइली हमले में हिजबुल्ला का चीफ हसन नसरल्लाह की मौत हो गई है।

Hassan Nasrallah Death: आज इजराइली सेना की तरफ से ये कहा गया कि लेबनान पर हमले में शिया इस्लामवादी हिजबुल्लाह आंदोलन का नेता शेख हसन नसरल्लाह मारा गया। इसके अलावा अब इजराइल ने हिजबुल्लाह, हमास और यमन स्थित हौथी के संभावित हमलों के बारे में अपनी तैयारी भी पूरी कर ली है। इस पूरे युद्ध को लेकर लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि क्या है हिजबुल्लाह और कौन था हसन नसरल्लाह जिसके मौत की चर्चा हर तरफ हो रही है।

आखिर क्या है हिजबुल्लाह

लेबनान में शियाओं का हथियारबंद राजनीतिक ग्रुप है जिसका नाम हिजबुल्लाह है। इसका गठन 1982 में इज़राइल से लड़ने के लिए किया गया था। हिजबुल्लाह को ईरान देश से हर तरीके का सपोर्ट मिलता है। दरअसल हिजबुल्लाह का उदय लेबनान पर इज़राइल के आक्रमण के मद्देनजर ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स द्वारा ही किया गया था। पहले इजराइल लेबनान पर कब्ज़ा किया हुआ था। बाद में करीब बीस साल इजराइल के राज के बाद हिजबुल्ला वहां पर सबसे बड़ी शक्ति बनकर उभरा। और आज के समय में भी हिजबुल्ला इजऱाइल के लिए सबसे बड़ा दुश्मन बनकर खड़ा है।

कौन था हसन नसरल्लाह

हसन नसरल्लाह की बात करे तो उसका जन्म 1960 में बेरूत के पूर्वी बुर्ज हम्मौद इलाके में हुआ था। उसके पिता अब्दुल करीम एक छोटी सी सब्जी की दुकान चलाते थे। नसरल्लाह नौ बच्चों में सबसे बड़ा था। हसन नसरल्लाह 1975 में लेबनान के गृहयुद्ध में उतरने के बाद वह ‘अमल' आंदोलन में शामिल हो गया। जो उस समय में एक शिया मिलिशिया था। बाद में हसन नसरल्लाह थोड़े समय के लिए शिया मदरसा इराकी पवित्र शहर नजफ में शामिल हो गया था। इसके बाद नसरल्लाह 1982 में ‘अमल’ से हमेशा के लिए अलग होकर इरान के सपोर्ट से बने हिजबुल्लाह में हमेशा के लिए शामिल हो गया।

1985 में इजराइल के विनाश का आवाहन

हसन नसरल्लाह ने 1985 में "खुला पत्र" नाम एक आधिकारिक घोषणा की। जिसमें उसने अमेरिका और सोवियत संघ को अपना दुश्मन बताया। वहीं इजरायल को विनाश के लिए आह्वान किया। इन सब के साथ ही उसने कहा कि वो मुस्लिम भूमि पर कब्ज़ा कर रहा है जिसकी वजह से बाद में हिजबुल्लाह में उसका पद भी बढ़ता चला गया। इसके बाद 1992 में हिजबुल्लाह के सुप्रीमो अब्बास अल-मुसावी की इजरायली हेलीकॉप्टर हमले में मौत हो गई थी जिसके बाद हसन नसरल्लाह को हिजबुल्लाह का नेता बना दिया गया था।

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