पाकिस्तान की नई चाल, गिलगित-बाल्टिस्तान को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवा कर चुनाव जीतने की तैयारी
नई दिल्ली। पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान के दर्जे को बदल कर उसे पूर्ण राज्य का दर्जा देने की योजना बना रहा है। पाकिस्तान में कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान मामलों के मंत्री अली आमीन गंडापुर ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए सरकार की योजना की जानकारी दी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा गिलगित-बाल्टिस्तान को पूर्ण राज्य का दर्जा और संसद के दोनों सदनों में प्रतिनिधित्व जैसे सभी संवैधानिक अधिकार दिए जाएंगे।
पाकिस्तानी मीडिया में चल रही ख़बरों के अनुसार, प्रधानमंत्री इमरान खान जल्दी ही इस बदलाव के बारे में औपचारिक घोषणा करने के लिए गिलगित बाल्टिस्तान का दौरा कर सकते हैं। इस मामले से जुड़ी जानकारी साझा करते हुए अली आमीन ने कहा, "सभी पक्षों से सलाह-मशविरा करने के बाद सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान को सभी संवैधानिक अधिकार देने का ये फैसला किया है। हमारी सरकार ने यहां के लोगों से किया अपना वादा पूरा करने का फैसला लिया है।"
अली आमीन ने बताया कि चुनाव नंवबर के मध्य में करवाने की योजना है, उन्होंने बताया कि तैयारी पूरी हो चुकी है और पीटीआई ने टिकटों को बांटना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों का 73 वर्षों तक सामना करने वाला "अभाव" परिवर्तन के साथ समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि संवैधानिक अधिकारों और एक प्रांतीय स्थापना के अलावा, इस क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। 1999 में, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग पाकिस्तानी नागरिक हैं और सरकार को उचित प्रशासनिक और विधायी उपाय शुरू करने का निर्देश भी दिया।
2009 में गिलगित-बाल्टिस्तान सशक्तीकरण और स्व-शासन आदेश पेश किया गया था, जिसके तहत उत्तरी क्षेत्रों का नाम बदलकर गिलगित-बाल्टिस्तान कर दिया गया था और इस क्षेत्र को प्रांत-जैसा दर्जा दिया गया था। लेकिन ऐसा संसद में प्रतिनिधित्व के बिना हुआ था। उपरोक्त लोगों ने कहा कि इस क्षेत्र को पूर्ण प्रांत का दर्जा देने के किसी भी कदम का स्थानीय निवासियों द्वारा स्वागत किया जाएगा। कुछ हितधारकों ने सुझाव दिया था कि इस क्षेत्र को अनंतिम रूप से एक प्रांत का दर्जा दिया जाना चाहिए और कश्मीर मुद्दे के हल होने के बाद ही इसे पूर्ण प्रांत बनाया जाना चाहिए।