प्रधानमंत्री मोदी और बाइडन की ऐतिहासिक मुलाकात, सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट का समर्थन
वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दूसरे दिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात और क्वाड देशों के सम्मेलन ने विश्व शांति और परस्पर सहयोग की भावना को और मजबूत किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में क्वाड देशों की मूल भावना, शांति के प्रसार सहित हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साथ मिलकर काम करने और समृद्धि की प्रतिबद्धता को दोहराया।
क्वाड सम्मेलन शुरू होने के पहले पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ऐतिहासिक मुलाकात हुई। बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी सदस्य देश के रूप में शामिल करने की वकालत की है। ओबामा और ट्रंप के बाद बाइडन तीसरे राष्ट्रपति हैं, जिनसे प्रधानमंत्री मोदी ने व्हाइट हाउस में मुलाकात की। राष्ट्रपति बाइडन से मुलाकात एवं क्वाड सम्मेलन में संबोधन के बाद प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क पहुंच गए हैं, जहां उनका भारतीयों ने गर्मजोशी के साथ शानदार स्वागत किया।
क्वाड सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2004 के बाद सुनामी से निपटने के लिए हर तरह की मदद के लिए क्वाड आगे आया था। आज अब जब पूरी दुनिया कोरोना से लड़ रही है, तब फिर दुनिया की भलाई के लिए एकबार फिर से क्वाड आगे आया है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी क्वाड वैक्सीन पहल से इंडो-पैसिफिक देशों को मदद मिलेगी। इसके साथ ही वैक्सीन आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने के साथ ही वैश्विक सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई पर मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि मानवता के हित में हमारा क्वाड एक तरह से फोर्स फॉर ग्लोबल गुड की भूमिका में काम करेगा।
क्वाड सम्मेलन में किसने क्या कहा -
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बताया कि वैश्विक आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए भारत में वैक्सीन की अतिरिक्त एक बिलियन डोज के उत्पादन की हमारी पहल ट्रैक पर है।- जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा कि क्वाड चार देशों द्वारा एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल है, जो मौलिक अधिकारों में विश्वास करते हैं । इन देशों का विचार है कि इंडो-पैसिफिक को स्वतंत्र और खुला होना चाहिए।
- आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारिसन ने भी कहा कि हम चारों लोकतांत्रिक देश हैं। हम एक ऐसे वैश्विक व्यवस्था में विश्वास करते हैं ,जो आज़ादी देता है। हम मुक्त और खुले इंडो पैसिफ़िक क्षेत्र में भरोसा करते हैं।
मोदी-बाइडन की ऐतिहासिक मुलाकात -
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जो बाइडन की पहली ऐतिहासिक मुलाकात व्हाइट हाउस में हुई। बाइडन ने गर्मजोशी के साथ मोदी का स्वागत करते हुए नमस्कार किया और काफी देर तक हाथ पकड़ बात करते रहे। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बाइडन के इस बेहतरीन स्वागत के लिए धन्यवाद भी किया। दोनों ने वार्ता के दौरान भारत और अमेरिकी संबंधों में मजबूती के साथ आगे बढ़ाने का प्रयासों पर चर्चा की। आधे घंटे की बातचीत में दोनों ही नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
महात्मा गांधी का जिक्र -
बातचीत के दौरान दोनों नेताओं के बीच राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर बात हुई। पीएम मोदी ने कहा कि ये दशक उस ट्रस्टीशिप के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है, जिसकी महात्मा गांधी हमेशा वकालत करते थे। गांधी जी कहा करते थे कि हम इस ग्रह के ट्रस्टी हैं। ये ट्रस्टीशिप की भावना भी भारत और अमेरिका के बीच के संबंधों में बहुत अहमियत रखेगी। दोनों नेताओं ने महात्मा गांधी के मूल्यों को पर सहमति जताई। राष्ट्रपति बाइडन ने भी कहा कि महात्मा गांधी के पैगाम को याद रखना है। हमें अहिंसा, सहिष्णुता को याद रखना है।
बाइडेन सरनेम का जिक्र -
मोदी और बाइडन की मुलाकात के दौरान बाइडन सरनेम का जिक्र भी हुआ। पीएम मोदी ने बाइडन से कहा कि आपने भारत में बाइडन नाम का जिक्र किया था। भारत में भी बाइडन सरनेम वाले लोग हैं। बाइडेन सरनेम वालों का दस्तावेज मैं लेकर आया हूं।
सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट का समर्थन -
पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन की मुलाकात के दौरान बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत को स्थायी सदस्य बनाए जाने को लेकर अपना समर्थन दिया। राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होना चाहिए।