नेपाल के नए नक्शे का विरोध करने वाली सांसद के घर पर हमले के बाद अब पार्टी से निकालने की तैयारी

नेपाल के नए नक्शे का विरोध करने वाली सांसद के घर पर हमले के बाद अब पार्टी से निकालने की तैयारी
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नई दिल्ली। चीन को खुश करने के लिए नेपाल ने भारतीय इलाकों कालपानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को अपने नक्शे में शामिल कर लिया है। वहीं सरकार की असफलताओं और भ्रष्टाचार जैसे आरोपों से घिरे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने खिलाफ उठ रही आवाजों को दबाने के लिए नक्शे का दांव चल दिया।

हम आपको बता दें कि अपनी इस चाल में कामयाब भी हो गए। राष्ट्रवाद के इस मुद्दे पर हर पार्टी और हर सांसद को उनका साथ देना पड़ा। लेकिन वहां की प्रतिनिधि सभा में विरोध का स्वर भी उठा। भले ही यह आवाज अकेली थी, लेकिन इतनी दमदार थी कि कम्युनिस्ट पार्टी बौखला उठी।

बताया जा रहा है कि इस नए नक्शे का विरोध करने वाली समाजबादी पार्टी की सांसद सरिता गिरी को 'भारत की चेली' कहा गया। उन्हें धमकियां दी जा रही हैं। उनके घर पर हमला भी किया गया। अब उन्हें पार्टी से भी सस्पेंड करने की तैयारी चल रही है। हालांकि, सरिता गिरी अब भी अपने स्टैंड पर कायम हैं और सरकार के इस फैसले पर लगातार सवाल उठा रही हैं।

उन्होंने सरकार से यह पूछ लिया कि किस आधार पर इन क्षेत्रों को नक्शे में शामिल किया जा रहा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के भी खिलाफ है जिसमें कहा गया है कि किसी राष्ट्रीय प्रतीक में बदलाव के लिए पर्याप्त आधार की आवश्यकता है। सरकार ने इस विधेयक में नए नक्शे में शामिल किए जा रहे इलाकों को लेकर कोई आधार या सबूत नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि नेपाल का सीमा विवाद तो चीन के साथ भी है। नेपाल के पास हमारी जो जमीन है उसे हम नक्शे में क्यों नहीं शामिल कर रहे हैं।

सरिता ने नए नक्शे का विरोध करते हुए एक संशोधन प्रस्ताव भी पेश किया और मांग की देश का पुराना नक्शा ही जारी रखा जाए। हालांकि, स्पीकर ने प्रतिनिधि सभा के रूल बुक की धारा 122 के मुताबिक उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया। यह नियम कहता है कि कोई संशोधन बिल की मूल भावना के खिलाफ नहीं हो सकता है। इसके बाद सरिता गिरी सदन से बाहर चली गईं।

नक्शे का विरोध करके सरिता गिरी ना सिर्फ कम्युनिष्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं बल्कि अपनी पार्टी के भी निशाने पर आ गई हैं। समाजबादी पार्टी के नेता बिश्वदीप पांडे ने काठमांडू पोस्ट को बताया कि सरिता गिरी को पार्टी से सस्पेंड करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पार्टी नेता बाबुराम भट्टाराय और उपेंद्र यादव के काठमांडु लौटते ही यह कार्रवाई की जाएगी।

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