पाकिस्तान में एक किलो चीनी की कीमत 185 रुपये के पार

इस्लामाबाद। पाकिस्तानी अवाम के ऊपर अब चीनी का महंगाई बम फूट पड़ा है। पाकिस्तान में चीनी की कीमतें बढ़कर 185 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। हालात इतने संगीन है कि पाकिस्तान में गरीब अवाम की थाली से मिठाइयां गायब होने लगी हैं। इस बीच पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने संबंधित एजेंसियों से चीनी की जमाखोरी और तस्करी की जांच करने को कहा है। इन सबके बीच चीनी की बढ़ी कीमतों ने ऑनलाइन मॉर्ट और खुदरा दुकान चलाने वालों को लाभ कमाने का एक मौका दे दिया है। ये सभी पहले से जमा चीनी के स्टॉक को महंगे दाम पर बेचकर भारी मुनाफा कमा रहे हैं।

पाकिस्तान में क्यों बढ़े चीनी के दाम

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी बाजार के व्यापारियों ने दावा किया है कि उनके देश से अनौपचारिक चैनलों के माध्यम से अफगानिस्तान में चीनी की तस्करी जारी है और इसके बाद बेरोकटोक जमाखोरी और अटकलें लगाई जा रही हैं। सरकार का कहना है कि पाकिस्तान ममें चीनी की कीमतों में वृद्धि आश्चर्यजनक है, क्योंकि देश में चीनी का स्टॉक 22 लाख टन से ज्यादा है। ऐसे में चीनी की कीमतों में वृद्धि के पीछे तस्करी और जमाखोरी को कारक माना जा रहा है। पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार का दावा है कि जल्द ही चीनी की बढ़ती कीमतों पर काबू पा लिया जाएगा।

चीनी निर्यात से पैसा कमा रहा पाकिस्तान

वित्त वर्ष 2023 के दौरान पाकिस्तान का चीनी निर्यात 215,751 टन रहा। इससे पाकिस्तान को 104 मिलियन डॉलर की कमाई हुई। इसके एक साल पहले यानी वित्त वर्ष 2022 में पाकिस्तान ने चीनी के निर्यात को प्रतिबंधित किया हुआ था। सिर्फ जुलाई 2023 में पाकिस्तान ने 5,542 टन चीनी का निर्यात किया, इससे उसे 3.4 मिलियन डॉलर की कमाई हुई। वहीं, जुलाई 2022 के दौरान चीनी का निर्यात शून्य था। पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (पीएसएमए) के इस वादे के आधार पर जनवरी में 250,000 टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी थी कि वित्त वर्ष 2022 के स्टॉक के लिए दरें 85-90 रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर नहीं बढ़ेंगी।

अगस्त में चीनी की कीमतों में 21 रुपये का उछाल

डॉन के अनुसार, कराची होलसेलर्स ग्रॉसर्स एसोसिएशन (KWGA) के अध्यक्ष रऊफ इब्राहिम ने मांग की कि कार्यवाहक सरकार स्पष्ट करे कि उसके आदेश का पालन कब किया जाएगा क्योंकि 1 अगस्त से थोक चीनी की कीमतें 21 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों और सट्टेबाजों ने चीनी के अवैध निर्यात किए हैं। पाकिस्तान में चीनी मिलों के स्टॉक और जमाखोरी की जांच के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को चीनी, गेहूं और चावल जैसी खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और उनकी जमाखोरी पर स्वत संज्ञान लेना चाहिए।

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