पाकिस्तान में कोरोना पर हो रहे अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव पर उठाया सवाल : भारत
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे पाकिस्तान को पिछले दिनों बड़ी राहत मिली थी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कोरोना संकट से लड़ाई के लिए पाक को 1.4 अरब डॉलर की सहायता राशि दी थी। इसी बैठक में भारत ने पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे कोरोना वायरस की लड़ाई में खर्च को लेकर सवाल उठाया और चिंता व्यक्त की। भारत ने यह सवाल पाकिस्तान में कोरोना पर हो रहे अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव पर उठाया।
आईएमएफ के बोर्ड में भारत के कार्यकारी निदेशक s ने बैठक में जोर दिया कि पाकिस्तान के स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा का खर्च व्यापक और गैर-भेदभावपूर्ण होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बजटीय संसाधन पाकिस्तान के सभी क्षेत्रों में उपलब्ध कराए जाने चाहिए क्योंकि बलूचिस्तान और सिंध प्रांत में कोरोना वायरस के चलते स्थिति बहुत खराब है।
भल्ला ने रिपोर्टों के द्वारा यह भी बताया कि कैसे पाकिस्तान में अल्पसंख्यक जैसे- हिंदू, सिख, ईसाई और अहमदिया समुदाय जोकि पाकिस्तान के समाज में सबसे कमजोर हैं, उनके साथ अधिकारियों द्वारा गलत व्यवहार किया जाता है।
बता दें कि आईएमएफ ने अपने बयान में कहा था कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी बोर्ड ने रैपिड फाइनेंसिंग इंस्ट्रूमेंट (आरएफआई) के तहत पाकिस्तान की कोविड-19 से लड़ने के लिए खरीद जरूरतों को तत्काल पूरा करने के लिए करीब 1.4 अरब डॉलर की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप झेल रहे पाकिस्तान को स्वास्थ्य और राहत कार्य को मजबूती देने के लिए यह सहायता राशि मंजूर की गई है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य महामारी और इसके आर्थिक प्रभाव को कम करना है। बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोरोना संकट से निपटने के लिए मदद की गुहार लगाई थी।