यूक्रेन हमले के बाद भी G-20 समूह का सदस्य बना रहेगा रूस, कई देशों ने दिया समर्थन

यूक्रेन हमले के बाद भी G-20 समूह का सदस्य बना रहेगा रूस, कई देशों ने दिया समर्थन
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कीव। यूक्रेन पर रूस के हमले के 59 दिन हो चुके हैं। मारियुपोल शहर पर रूस के कब्जे के एलान के बाद यूक्रेनी प्रशासन वहां नरसंहार के दावे कर रहा है, अब मारियुपोल में एक और सामूहिक कब्र मिली है। वहीं, अतरराष्ट्रीय स्तर पर तमाम दबावों के बावजूद रूस जी-20 देशों का सदस्य बना रहेगा। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस की स्वीकार्यता बने रहने के रूप में देखा जा रहा है।

यूक्रेन के सबसे बड़े बंदरगाह शहर मारियुपोल पर कब्जे का एलान रूस कर चुका है। अब मारियुपोल के मेयर की ओर से शहर के बाहर एक और सामूहिक कब्र मिलने का दावा किया गया है। उपग्रह से ली गयी एक तस्वीर के हवाले से कहा गया है कि 45 मीटर लंबी और 25 मीटर चौड़ी इस सामूहिक कब्र में रूसी सैनिकों द्वारा मारियुपोल के एक हजार से अधिक नागरिकों को मारकर दफना दिया गया है।

यूक्रेन के सामने मुश्किल स्थिति -

इस बीच रूस ने पूर्वी यूक्रेन में सेना भेजना शुरू कर दिया है। मारियुपोल पर कब्जे के बाद मारियुपोल बंदरगाह से ये सैन्य इकाइयां रवाना की जा रही हैं। यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव ओलेक्सी डैनिलोव ने कहा कि अब रूस ने सीरिया और लीबिया के एक लाख से अधिक भाड़े के सैनिकों को उतार दिया है। उन्होंने यूक्रेन के सामने मुश्किल स्थिति होने की बात कही किन्तु दावा किया कि यूक्रेन की सेना मुस्तैदी से देश की रक्षा कर रही है।

जी-20 से रूस को बाहर करने के प्रयास विफल -

उधर, रूस को पश्चिमी देशों द्वारा अलग-थलग करने की कोशिशें सफल नहीं हो रही हैं। ऑस्ट्रेलिया, जापान, ब्राजील, ब्रिटेन, कनाडा, चीन, भारत, दक्षिण अफ्रीका जैसे बीस देशों के समूह जी-20 से रूस को बाहर करने के प्रयास भी विफल हो रहे हैं। चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों ने जी-20 में रूस की सदस्यता के समर्थन का दावा किया है। ऐसे में रूस का जी-20 देशों का सदस्य बना रहेगा।

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