रूस का यूक्रेन में सैन्य अभियान का पहला चरण समाप्त, अब विभाजन होगा अगला लक्ष्य
कीव। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 31वें दिन भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। युद्ध दिन प्रति दिन आक्रामक रूप लेता जा रहा है। रूस ने उत्तरी अटलांटिक में परमाणु पनडुब्बियां तैनात कर दी हैं। वहीं यूक्रेन को जर्मनी से 1500 मिसाइलें और मिल गयी हैं।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से लगातार दोनों पक्ष आक्रामक भूमिका में हैं। रूस की ओर से बार बार परमाणु हथियारों के प्रयोग की धमकी तो दी ही जा रही थी, रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने अपने परमाणु बलों को विशेष अलर्ट पर रखने के आदेश दे दिए थे। अब रूस ने कई परमाणु पनडुब्बियों को उत्तरी अटलांटिक में तैनात कर दिया है। ये पनडुब्बियां 16 बैलिस्टिक मिसाइलों को ले जाने में सक्षम हैं। पुतिन के इस कदम के बाद परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ गया है।
सैन्य अभियान का पहला चरण समाप्त -
इस बीच रूस ने दावा किया है कि उसके सैन्य अभियान का पहला चरण लगभग पूरा हो गया है और इसके बाद उसके सैनिक पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र को पूरी तरह से मुक्त करने पर केंद्रित करेंगे। माना जा रहा है कि रूस ने अब राजधानी कीव पर हमलों की रफ्तार कम करने और डोनबास पर नियंत्रण स्थापित करने की रणनीति बनाई है। रूस के आक्रामक तेवरों के बावजूद यूक्रेनी सेना भी रूसी सेना का डटकर मुकाबला कर रही है। उसे अंतरराष्ट्रीय मदद भी मिल रही है। जर्मनी ने यूक्रेन को लड़ाई आगे बढ़ाने के लिए 1500 और मिसाइलें भेजी हैं। 25 मार्च को जर्मनी से 1500 विमान भेदी मिसाल स्ट्रेला की खेप यूक्रेन पहुंची। साथ ही जर्मनी ने 100 मशीनगनें भी यूक्रेन को भेजी हैं।