राष्ट्रमंडल की महासचिव ने कहा- जलवायु संकट के समाधान के लिए दुनिया को भारत से उम्मीद

राष्ट्रमंडल की महासचिव ने कहा- जलवायु संकट के समाधान के लिए दुनिया को भारत से उम्मीद
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सफलता की कुंजी राष्ट्रों के लिए एक महत्वाकांक्षी परिणाम अपनाना है जो निर्णायक जलवायु कार्रवाई और इसे बनाए रखने के लिए एक विश्वसनीय योजना को प्रदर्शित करता है।

दुबई । जलवायु शिखर सम्मेलन (काप 28) में राष्ट्रमंडल की महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के संकट के समाधान के लिए दुनिया भारत के नेतृत्व और बौद्धिक शक्ति से उम्मीद लगाए बैठी है। काप 28 में वार्ताकार ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के सर्वोत्तम तरीकों पर विचार-विमर्श में जुटे हैं।संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का मंगलवार को समापन होने जा रहा है। इससे पहले सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि सफलता की कुंजी राष्ट्रों के लिए एक महत्वाकांक्षी परिणाम अपनाना है जो निर्णायक जलवायु कार्रवाई और इसे बनाए रखने के लिए एक विश्वसनीय योजना को प्रदर्शित करता है।

पेट्रीसिया ने कहा कि वह यह देखने के लिए इंतजार कर रही हैं कि भारत क्या निर्णय लेगा। वार्षिक जलवायु सम्मेलन से इतर एक साक्षात्कार में राष्ट्रमंडल की महासचिव ने उक्त बातें कहीं। जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की बढ़ती मांग के बीच भारत से उनकी अपेक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर पेट्रीसिया ने कहा कि भारत 1.40 अरब लोगों का भरण पोषण करता है, जो राष्ट्रमंडल के 56 देशों के समूह की आबादी का करीब आधा है। उन्होंने कहा कि मैं जो उम्मीद कर रही हूं भारत में अपनी स्थिति संभालने और नेतृत्व करने का साहस होगा और वह ऐसा कर सकता है। उन्होंने कहा कि जलवायु न्याय की अवधारणा का मतलब है कि नुकसान और क्षति की भरपाई की जानी चाहिए। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, वर्ष 2023 सबसे गर्म होने वाला है।

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