पंजशीर फोर्स ने तालिबान के कब्जे के दावे को बताया झूठा, कहा- संघर्ष जारी रहेगा
काबुल। तालिबान के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद ने पंजशीर पर पूर्ण रूप से कब्जा करने का दावा किया है। यही एक आखिरी प्रांत था जिस पर रेसिसटेंस फोर्सिस का कब्जा था।सोशल मीडिया पर जारी की गई तस्वीरों में दिखाया गया है कि तालिबान के सदस्य प्रांतीय गवर्नर कपांउड के गेट के आगे खड़े हैं।हालांकी रेसिस्टेंट फ़ोर्स ने इस दावे को गलत बताया है और कहा की जंग जारी रहेगी।
पंजशीर के गवर्नर कार्यालय पर तालिबान ने अपना झंडा फहराया है। इससे संबंधित और तस्वीरें भी जारी की गई हैं। हालांकि, एक फेसबुक पोस्ट के जरिए नॉर्दन फ्रंट की अगुवाई कर रहे अहमद मसूद ने धार्मिक स्कॉलर्स की ओर से शांति के लिए की गई पेशकश का स्वागत किया है।
तालिबान का दावा -
तालिबान के रविवार को घात लगाकर किए गए हमले से विद्रोही नेता अहमद मसूद को झटका लगा है। हमले में उनके प्रवक्ता फहीम दश्ती और शीर्ष कमांडर जनरल साहिब अब्दुल वदूद झोर की मौत हो गई है। हालांकि मसूद सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं।तालिबान के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि पंजशीर के हर जिला मुख्यालय, पुलिस मुख्यालय और सभी दफ्तरों पर अब तालिबान का कब्जा है।
रेसिस्टेंस फोर्स ने बताया गलत -
वहीं दूसरी और नेशनल रेसिस्टेंस फोर्स (एनआरएफ) ने उन दावों को गलत बताया है जिसमें पंजशीर घाटी पर तालिबान के कब्जा करने की बात कही जा रही है।एनआरएफ की ओर से ट्वीट कर कहा गया है कि तालिबान का पंजशीर पर कब्जा करने का दावा झूठा है।
एनआरएफ लड़ाई जारी रखने के लिए घाटी में सभी रणनीतिक मोर्चों पर मौजूद है। हम अफगानिस्तान के लोगों को विश्वास दिलाते हैं कि तालिबान और उनके सहयोगियों के खिलाफ संघर्ष तबतक जारी रहेगा जबतक न्याय और आजादी नहीं मिलती। फेसबुक पर किए गए पोस्ट में मसूद ने कहा है कि अगर तालिबान अपने हमले बंद कर देगा तो एनआरएफ भी लड़ाई खत्म करने के लिए तैयार है। एनआरएफ में पूर्व अफगान सुरक्षा बल के सदस्य और स्थानीय मिलिशिया शामिल हैं।