भारत की चेतावनी का दिखा असर, UK ने कोविशील्ड वैक्सीन को दी मान्यता
लंदन। आखिरकार यूके ने भारत के दबाव में आकर कोविशील्ड वैक्सीन को मान्यता दे दी है। अपनी नई ट्रैवल एडवाइजरी में यह भी कहा है कि कोविशील्ड की कोरोना वैक्सीन लेकर यूके आने वाले भारतीय को अभी भी 14 दिन क्वारंटाइन में रहना होगा।
यूके की ताजा ट्रैवल एडवाइजरी 4 अक्टूबर से लागू होनी है। इसे कुछ दिन पहले जारी किया गया था लेकिन इसमें कोविशील्ड को मान्यता नहीं दी गई थी, जिसको लेकर विवाद हुआ था। अब नई एडवाइजरी में कोविशील्ड के नाम को जोड़ा गया है। एडवाइजरी में कहा गया है कि ऑक्सफोर्ड- एस्ट्राजेनिका, फाइजर बायोएनटेक, मॉडर्ना और जेनसेन वैक्सीन को मान्यता दी गई है।यह वैक्सीन ऑस्ट्रेलिया, एंटीगुआ और बारबुडा, बारबाडोस, बहरीन, ब्रुनेई, कनाडा, डोमिनिका, इज़राइल, जापान, कुवैत, मलेशिया, न्यूजीलैंड, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया या ताइवान के किसी सार्वजनिक स्वास्थ्य निकाय से लगी होनी चाहिए। इसके अलावा भारतीय वैक्सीन कोविशील्ड, एस्ट्राजेनिका कोविशील्ड, एस्ट्राजेनिका वैक्सजेवरिया, मॉडर्ना टाकेडा को भी स्वीकृति दे दी गई है।
वैक्सीन के दोनों डोज आवश्यक -
एडवाइजरी में कहा गया है कि इंग्लैंड में आने से 14 दिनों पहले मान्यता प्राप्त वैक्सीन को दोनों डोज लगी होनी चाहिए। कोविशील्ड एकमात्र भारत निर्मित वैक्सीन है जो अब तक स्वीकृत टीकों की सूची में है। अमेरिका नवंबर से जर्मनी, इटली, स्पेन, स्विटजरलैंड, फ्रांस और भारत के साथ-साथ ब्रिटेन, आयरलैंड, ग्रीस, चीन, दक्षिण अफ्रीका, ईरान और ब्राजील सहित यूरोप के 26 शेंगेन देशों के पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों को ही हवाई यात्रा की अनुमति देगा।
कोवैक्सीन को नहीं मिली स्वीकृति -
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक सिर्फ सात वैक्सीनों को उपयोग के लिए मंजूरी दी है। इनमें मॉडर्ना, फाइजर-बायोएनटेक, जॉनसन एंड जॉनसन, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका, कोविशील्ड और चीन की सिनोफार्म और सिनोवैक शामिल हैं। भारत बायोटेक द्वारा विकसित स्वदेशी कोवैक्सिन को अब तक स्वीकृति नहीं मिली है। भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन की स्वीकृति के लिए डब्ल्यूएचओ में आवेदन किया है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।