दुनिया से टला केमिकल वॉर का खतरा, आखिरी देश अमेरिका ने नष्ट किए हथियार

दुनिया से टला केमिकल वॉर का खतरा, आखिरी देश अमेरिका ने नष्ट किए हथियार
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राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की है कि केंटुकी में अमेरिकी सेना के केंद्र ब्लू ग्रास आर्मी डिपो ने अपने दशकों पुराने स्टॉक को खत्म कर दिया है

वाशिंगटन। दुनिया को रासायनिक हथियारों से मुक्त करने के लिए 26 साल तक चली कोशिश सफल हो गयी है। रासायनिक हथियार निषेध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) ने कहा कि दुनिया में सभी रासायनिक हथियार खत्म हो गए हैं।

रासायनिक हथियार निषेध संगठन यानी ऑर्गनाइजेशन फॉर प्रॉहिबिशन ऑफ केमिकल वीपन्स (ओपीसीडब्ल्यू) पूरी दुनिया से रासायनिक हथियारों की मुक्ति पर नजर रखने का काम करता है। इसके लिए वर्ष 1997 से विशेष अभियान शुरू किया गया था। 26 साल की कोशिशों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की है कि केंटुकी में अमेरिकी सेना के केंद्र ब्लू ग्रास आर्मी डिपो ने अपने दशकों पुराने स्टॉक को खत्म कर दिया है, जिससे दुनिया को रासायनिक हथियारों से छुटकारा दिलाने के लिए 1997 में शुरू किया गया वैश्विक प्रयास पूरा हो गया है। इसके बाद ओपीसीडब्ल्यू के प्रमुख फर्नांडो एरियास ने कहा कि अमेरिका द्वारा अपने आखिरी जहरीले हथियारों से छुटकारा पाने की घोषणा किये जाने के बाद सभी घोषित भंडार अपरिवर्तनीय रूप से नष्ट हो गए हैं।

अमेरिका आखिरी देश -

फर्नांडो एरियास ने कहा कि सभी घोषित रासायनिक हथियारों के भंडार का विनाश इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। अमेरिका रासायनिक हथियारों के अंतिम स्वामित्व वाला देश था। अब अमेरिका द्वारा की गयी घोषणा का मतलब है कि सभी घोषित रासायनिक हथियारों के भंडार को अपरिवर्तनीय रूप से नष्ट कर दिया गया है। हालांकि ओपीसीडब्ल्यू ने चेतावनी दी कि रासायनिक हथियारों के हालिया उपयोग का मतलब है कि दुनिया को अभी भी सतर्क रहना होगा। हाल ही में सीरिया पर उसके गृहयुद्ध के दौरान रासायनिक हमले करने का आरोप लगाया गया था। एरियास ने चेतावनी दी कि हाल ही में हथियारों के रूप में जहरीले रसायनों के उपयोग और धमकियों से पता चलता है कि इसे दोबारा उभरने से रोकना संगठन के लिए प्राथमिकता रहेगी।

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