चीन में कोरोना कब से फैला, जानने के लिए पढ़े पूरी खबर
लंदन। चीन में कोरोना वायरस अगस्त से ही फैल रहा था और ड्रैगन इस पर पर्दा डाले रहा? अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने हॉस्पिटलों के सैटलाइट इमेज, ट्रैवल पैटर्न और सर्च इंजन डेटा के एनालिसिस के बाद यह दावा किया है। हालांकि, चीन ने इस रिपोर्ट को खारिज किया है।
रिसर्च में वुहान के हॉस्पिटलों की पार्किंग की सैटलाइट इमेज का इस्तेमाल किया गया है, जहां 2019 में पहली बार यह संक्रमण फैला था। कफ, डायरिया जैसे लक्षणों के लिए इंटरनेट पर लोग अधिक सर्च करने लगे थे। रिसर्च में कहा गया है, ''दिसंबर 2019 में कोरोना संक्रमण की घोषणा से पहले ही हॉस्पिटलों में भीड़ बढ़ गई थी और लोग इस तरह के लक्षणों की वजह इंटरनेट पर तलाश रहे थे।''
रिसर्च में कहा गया है, ''हम यह पुष्टि तो नहीं कर सकते हैं कि हॉस्पिटल और सर्च इंजन पर वृद्धि का कारण नया वायरस ही था। लेकिन खोजे गए सबूतों से दूसरे शोधों को बल मिला है, जिन्होंने संक्रमण की शुरुआत पहले होने की बात कही है।'' रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त 2019 में अस्पतालों में कार पार्किंग फुल रहने लगी थी। इसके अलावा डायरिया और कफ के लिए सर्च काफी अधिक बढ़ गया था।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग से मंगलवार को इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह हास्यास्पद है। ट्रैफिक बढ़ने से इस तरह के निष्कर्ष पर पहुंचना हास्यास्पद है।
गौरतलब है कि अमेरिका लगातार चीन पर कोरोना प्रसार को छिपाने का आरोप लगाता रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि चीन ने जानबूझकर दुनिया को देर से संक्रमण की जानकारी दी। चीन ने हर बार इन दावों को खारिज किया है। उसका कहना है कि उसने समय रहते विश्व स्वास्थ्य संगठन को जानकारी दी थी।
चीन से फैले इस वायरस ने दुनिया में 72 लाख से अधिक लोगों को संक्रमित किया है तो 4 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे अधिक 20 लाख लोग अमेरिका में संक्रमित हैं और 1 लाख 13 हजार लोगों की यहां मौत हुई है। हालांकि, चीन ने अपने यहां इस वायरस को काबू कर लिया है और अब वह सबसे अधिक प्रभावित देशों की सूची में 18वें नंबर पर है। चीन में 83 हजार लोग संक्रमित हुए हैं और 4634 लोगों की मौत हुई। हालांकि चीन के आंकड़ों को भी दुनिया संदेह की नजर से देखती है।