अमेरिका से यूरोप तक पहुंचा मंकीपॉक्स, भारत में भी बढ़ रहा खतरा, WHO ने चेताया
जेनेवा। कोरोना से जूझ रही दुनिया पर अब मंकीपॉक्स वायरस का खतरा मंडरा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बाबत चेतावनी जारी करते हुए कहा कि भविष्य में मंकीपॉक्स का संक्रमण तेज हो सकता है।
दुनिया में मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक अफ्रीका व यूरोप के नौ देशों में मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीज मिल चुके हैं। अमेरिका, कनाडा व ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी मंकीपॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं। मंकीपॉक्स के लगातार बढ़ते मामलों से परेशान विश्व स्वास्थ्य संगठन की यूरोप इकाई ने इस मसले पर आपात बैठक के की।
विषाणु का संक्रमण में तेजी -
बैठक के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ ही इस विषाणु का संक्रमण और तेजी से फैल सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के यूरोप स्थित क्षेत्रीय निदेशक हैंस क्लग ने लोगों को सावधान होने को कहा है। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर होने वाले किसी भी समारोह, त्योहार आदि में मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के शामिल होने से वह अन्य लोगों में संक्रमण फैला सकता है। इसलिए अतिरिक्त सावधानी बरते जाने की जरूरत है।
क्या है मंकीपॉक्स
दरअसल, मंकीपॉक्स चेचक से मिलता जुलता स्वरूप लिये बीमारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि बीमारी का संचरण मां से भ्रूण में पहुंचने पर जन्मजात मंकीपॉक्स के रूप में हो सकता है। इसके अलावा बच्चे के जन्म के दौरान या बाद में निकट संपर्क के माध्यम से भी हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हाल के दिनों में मंकीपॉक्स के शिकार लोगों में से तीन से छह प्रतिशत लोगों की मृत्यु हो गयी है। मंकीपॉक्स का विषाणु घावों, शरीर के तरल पदार्थों, श्वसन बूंदों और बिस्तर से व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए हर स्तर पर सावधानी बरतने की जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री ने दिए निर्देश -
इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंकीपॉक्स को लेकर राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और आईसीएमआर को नजर रखने के निर्देश दिए है। उन्होंने हवाईअड्डे और बंदरगाह के स्वास्थ्य अधिकारियों को भी सतर्क रहने के लिए कहा है। मंत्री के निर्देश है की मंकीपॉक्स प्रभावित देशों से आने वाले बीमार यात्रियों अलग कर दिया जाए और नमूने जांच के लिए भेजे जाएं।