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मंदिर में आरती के साथ शुरू हुई अमरनाथ यात्रा, बालटाल-पहलगाम से पहला जत्था रवाना
श्रीनगर/वेबडेस्क। कश्मीर घाटी में बालटाल और पहलगाम के आधार शिविर से अमरनाथ यात्रियों का पहला दल कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को रवाना हुआ। पवित्र अमरनाथ गुफा समुद्रतल से 3880 मीटर की ऊंचाई पर हिमालय की चोटियों के बीच स्थित है। इस दल ने बम बम भोले और हर हर महादेव के उद्घोष से कश्मीर घाटी को गुंजायमान कर दिया। अमरनाथ यात्रियों में पुरुष, महिलाएं, साधु, बूढ़े और जवान शामिल हैं।
बालटाल आधार शिविर से योजना विकास और निगरानी विभाग के सचिव डॉ. राघव लैंगर ने डीसी गांदरबल और एसएसपी गांदरबल, शिविर निदेशक बालटाल डोमेल आदि की उपस्थिति में श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अनंतनाग की ओर से यात्रा के लिए नोडल अधिकारी और राजस्व सचिव डॉ. पीयूष सिंगला ने उपायुक्त अनंतनाग एसएफ हामिद के साथ दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में नुनवान आधार शिविर से पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई।
कश्मीर घाटी से अमरनाथ गुफा के लिए रवाना होने वाले जत्थे को शुक्रवार को जम्मू से उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इस बीच जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से 4,400 से अधिक श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था शनिवार को रवाना हुआ। तीर्थयात्री सुबह 188 वाहनों के काफिले में आधार शिविर से रवाना हुए। अधिकारियों ने कहा कि इसके साथ ही जम्मू आधार शिविर से अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए रवाना होने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 7,904 हो गई है।कश्मीर घाटी में यात्रा मार्ग पर किए गए इंतजाम से तीर्थयात्री काफी उत्साहित हैं। स्थानीय नागरिक भी यात्रियों को पूरा समर्थन दे रहे हैं। ज्यादातर तीर्थयात्रियों ने श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) और जम्मू-कश्मीर यूटी प्रशासन की व्यवस्था पर खुशी व्यक्त की।
उल्लेखनीय है कि मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल मार्ग सबसे छोटा है। श्रद्धालुओं को पहलगाम आधार शिविर से गुफा तक पहुंचने में कुछ दिन का समय लगता है। बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले श्रद्धालु उसी दिन दर्शन के बाद आधार शिविर में वापस लौट आते हैं।