घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में तैनात हुआ ड्रोन

घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में तैनात हुआ ड्रोन
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अमित शाह करेंगे जम्मू कश्मीर का दौरा

श्रीनगर। कश्मीर घाटी के जिन क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग या फिर प्रवासी लोग रह रहे हैं उन क्षेत्रों की निगरानी अब ड्रोन ग्रिड के माध्यम से की जायेगी। सभी संवेदनशील इलाकों में आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों के साथ नाके भी बढ़ाए जाएंगे।

कश्मीर में अल्पसंख्यकों व प्रवासी लोगों पर हो रहे हमलों को देखते हुए जम्मू.कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने उन्हें सुरक्षा देने का खाका तैयार कर लिया है। सीआरपीएफ के डीआईजी मैथ्यू ए जॉन ने इस बारे जानकारी देते हुए कहा कि जिन इलाकों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग या फिर प्रवासी लोग रह रहे हैं, उन इलाकों की निगरानी ड्रोन के जरिए की जाएगी।

अमित शाह 23 को करेंगे दौरा -

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार 23 अक्टूबर को कश्मीर पहुंच रहे हैं। उनके आने से एक दिन पहले कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते हुए श्रीनगर के प्रताप पार्क इलाके में पुलिस और सीआरपीएफ ने ड्रोन का परीक्षण भी किया। सीआरपीएफ के डीआईजी ने बताया कि कश्मीर घाटी में हाल ही में अल्पसंख्यकों पर हुए आतंकी हमलों के यह चलते यह कदम उठाया गया है।उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कल शनिवार को श्रीनगर पहुंच रहे हैं। उनके आगमन को देखते हुए भी सुरक्षा व्यवस्था सख्त की गई है। लाल चौक सहित सभी संवेदनशील इलाकों में नाके बढ़ा दिए गए हैं। सुरक्षाकर्मियों की भी अतिरिक्त तैनाती की गई है।

क्या होता है 'ड्रोन ग्रिड'?

ड्रोन ग्रिड यानी अनेक ड्रोन के जरिए इलाके पर नजर बनाए रखना। इस ग्रिड में कई ड्रोन की तैनाती की जाएगी। जिनके माध्यम से संवेदनशील क्षेत्रों की लाइव वीडियो सीधे कंट्रोल रूम पहुंचेगी। जहां से सभी पर नजर रखी जाएगी। किसी संदिग्ध गतिविधि का पता चलते ही कंट्रोल रूम से उस इलाके में तैनात सुरक्षा बलों को सूचित किया जाएगा, ताकि किसी अप्रिय घटना को समय से रोका जा सके।

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