आंकड़ों में देखें बदलते कश्मीर की तस्वीर, 90 के दशक में हुई सबसे ज्यादा हत्याएं

आंकड़ों में देखें बदलते कश्मीर की तस्वीर, 90 के दशक में हुई सबसे ज्यादा हत्याएं
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30 साल में 14,155 आम लोगों की हुई हत्या,

नई दिल्ली। तीस साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले सात साल में बदलते कश्मीर की नई तस्वीर नजर आएगी। लगभग सत्तर साल से आतंक का सबसे अधिक दंश कश्मीर ने ही झेला है लेकिन अब समय के साथ कश्मीर की तस्वीर बदल रही है। वर्ष 1990 से लेकर सितंबर, 2021 तक कश्मीर में 14,155 आम नागरिक आतंकी गतिविधियों में मारे गए हैं। सिर्फ पिछले 11 साल में तीन सौ आम नागरिक आतंवादियों के शिकार बने। केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद कश्मीर में सिर्फ 239 आम लोगों की हत्या हुई है। यानी कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में मरने वाले नागरिकों की संख्या अब काफी कम हो गई है।

दरअसल, नोएडा के आरटीआई एक्टविस्ट रंजन तोमर ने केन्द्र सरकार से वर्ष 1990 से अब तक कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में मारे गए आम लोगों के बारे में आरटीआई के तहत सूचना मांगी थी। इसके जवाब में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें 2 नवंबर 2021 को सूचना उपलब्ध कराई। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 1990 से सितंबर 2021 तक कश्मीर में 14,155 आम नागरिक आतंकवादियों के हमलों में मारे गए थे। नब्बे के दशक में कश्मीर में 8,996 लोग आतंकवादी घटनाओं में मारे गए थे।

एक नजर, आंकड़ों पर -

आतंकवादियों द्वारा आम नागरिकों की हत्या -

संख्या साल हत्या
1

1990

461

2

1991

382

3

1992

634,

4

1993

747

5

1994

820

61995

1031

7

1996

1341

8

1997


971

9

1998

889


10

2000

847

11

2001

996

12

2002

1008

13

2003

795

14

2004

707

15

2005

557

16

2006

389

17

2007

158

18

2008

91


19

2009

71

20

2010

47

21

2011

31

22

2012

15

23

2013

15

24

2014

28

25

2015

17

26

2016

15

27

2017

40

28

2018

39


29

2019

39

30

2020

37

31

2021

24

(सितंबर माह तक)

90 के दशक में सबसे ज्यादा हत्याएं -

गृह मंत्रालयों के इन आंकड़ों से एक बात स्पष्ट हुई है कि पिछले 30 साल में कश्मीर में सबसे अधिक लोगों की हत्याएं 1990 के दशक में हुईं। केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद कश्मीर में वर्ष 2014 से लेकर सितंबर 2021 तक केवल 239 लोग आतंकी घटनाओं में मारे गए हैं। दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनी केन्द्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को एक बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 तथा अनुच्छेद 35-ए के प्रावधानों को निरस्त कर दिया।

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