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जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर ने देश को दिए 614 युवा सैनिक
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर के 614 युवा सैनिक शुक्रवार को देश के दुश्मनों का खात्मा करने की शपथ लेते हुए भारतीय सेना के हिस्सा बन गए। लालचौक से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित बाना सिंह स्टेडियम, रंगरेथ में हुए दीक्षांत समारोह में जब यह युवा सैनिक रेजिमेंट की 'बलिदानम वीर लक्ष्मण' की धुन पर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हुए निकले तो दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों ने तालियां बजाकर और भारत माता के जयघोष के साथ उनका स्वागत किया।
एक वर्ष का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद इन नवारक्षकों के दीक्षांत समारोह में परेड की सलामी चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय ने ली। उन्होंने इस अवसर पर युवा सैनिकों को मुबारक देते हुए उन्हें जैकलाई की गौरवशाली परंपरा का अनुसरण करते हुए हमेशा देश की एकता व अखंडता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान देने की भावना से कर्तव्य निर्वाह के लिए प्रेरित किया।
अधिकांश आतंकग्रस्त इलाकों से -
पत्रकारों से बातचीत में चिनार कोर कमांडर ने कहा कि आज सैनिक बने इन नवारक्षकों में से अधिकांश आतंकग्रस्त इलाकों से आए हैं। इससे पता चलता है कि आम कश्मीरी नौजवान आतंकियों से नहीं डरता। वे उन्हें और उनके आकाओं को मार गिराने के लिए तैयार हो चुका है। कश्मीरी नौजवान पूरी तरह से राष्ट्रभक्त हैं। वे आतंकवाद व जिहाद के दुष्प्रचार की सच्चाई को अच्छी तरह समझते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर विशेषकर कश्मीर घाटी में जिस तरह स्थानीय युवकों का सेना की तरफ रूझान बढ़ रहा है, वह कश्मीर में अमन बहाली के प्रति स्थानीय लोगों की संकल्पबद्धता और देश के दुश्मनों को नाकाम बनाने की उनकी चाह का प्रतीक है।
सैनिकों के परिजनों की सराहना -
इस मौके पर युवा सैनिकों के परिजनों की सराहना करते हुए कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय ने कहा कि अपने बच्चों को देश का सेनानी बनने के लिए अभिभावकों की भूमिका सर्वाेपरि है। उन्होंने कश्मीर में हालात को पहले से ज्यादा बेहतर बताते हुए कहा कि आतंकी हिंसा में लगातार कमी आ रही है। पाकिस्तान की तरफ से यहां हालात बिगाड़ने की लगातार कोशिशें हो रही हैं, लेकिन वह कामयाब नहीं होंगी।