Makhana: बजट में आज हुआ मखाने का जिक्र, जानिए बिहार की किस जगह पर होता है उत्पादन

बजट में आज हुआ मखाने का जिक्र, जानिए बिहार की किस जगह पर होता है उत्पादन
X
केवल 80 फीसदी मखाना सिर्फ बिहार ही उत्पादन करता है इसलिए इस बार बिहार को बजट में फोकस किया गया है।

Makhana Process: देश के आम बजट को आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया है इस दौरान कई घोषणाओं को जगह दी गई है। वहीं पर बिहार के प्रसिद्ध मखाना बोर्ड गठित करने का फैसला भी किया गया है। केवल 80 फीसदी मखाना सिर्फ बिहार ही उत्पादन करता है इसलिए इस बार बिहार को बजट में फोकस किया गया है। आखिर मखाना बिहार में किस जगह उत्पादित होता है और क्या प्रक्रिया है चलिए जानते हैं...

यह होती मखाना उत्पादन की प्रक्रिया

आपको बताते चलें कि, मखाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके उत्पादन की बात करें तो, मखाना कमल के पौधे का हिस्सा होता है. ये कमल के फूल का बीज होता है, जिसे प्रोसेस किया जाता है. प्रोसेस करके मखाना तैयार किया जाता है. इसके बीज को दिसंबर के महीने में तालाब या गड्ढे में बोए जाते हैं. बीज को बोने से पहले तालाब की सफाई करनी जरूरी होती है।

मखाने को सुखाने की प्रक्रिया

आपको बताते चलें कि, मखाने के ऊपर लगी गंदगी साफ हो जाती है. इसके बाद इन्हें पानी से धोया जाता है. अब साफ हो चुके बीज को बैग्स में भरकर सिलेंड्रिकल कंटेनर में इन्हें भरा जाता है।इस कंटेनर को काफी देर तक जमीन पर रोल किया जाता है, जिससे बीज स्मूद बन जाएं। इसके बाद इन बीजों को अगले दिन के लिए तैयार किया जाता है. इसके बाद बीज को अगले दिन कम से कम 3 घंटे के लिए सुखाया जाता है।

किया जाता है गोबर का लेप

आगे की प्रकिया में, इन्हें फ्राई करने के बाद बांस के कंटेनर में स्टोर किया जाता है, जिसे खास कपड़े से ढका जाता है. तापमान को सही रखने के लिए उसपर गोबर का लेप लगाया जाता है. कुछ घंटे के बाद फिर से इन्हें फ्राई किया जाता है और यही प्रोसेस फॉलो किया जाता है. एक बार बीज फट गया तो उसमें से सफेद मखाना निकलता है।

बिहार के इन जगहों में होती है खेती

आपको बताते चलें कि, बिहार में मखाने की खेती सबसे ज्यादा होती है। राज्य के 10 जिलों सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज में मखाना उगाया जाता है जिसे जीआई टैग भी मिल चुका है।

Tags

Next Story