UP NEWS: लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटाया, अजय दास का फैसला

Lakshmi Narayan Tripathi and Mamta Kulkarni Removed from Mahamandaleshwar Post
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Lakshmi Narayan Tripathi and Mamta Kulkarni Removed from Mahamandaleshwar Post

Lakshmi Narayan Tripathi and Mamta Kulkarni Removed from Mahamandaleshwar Post : उत्तर प्रदेश। प्रयागराज से बड़ी खबर सामने आ रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटाया गया। इसके साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया है। लक्ष्मी ने ही ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया था। किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास का फैसला। यह जानकारी अजय दास ने खुद दी है।

किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास का कहना है कि, लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने देशद्रोह की आरोपी ममता कुलकर्णी को अखाड़े में शामिल किया था और उनकी जानकारी के बिना उन्हें महामंडलेश्वर बना दिया था। उन्होंने कहा है कि जल्द ही नए आचार्य महामंडलेश्वर का एलान किया जाएगा। बताया जा रहा है कि सिर न मुंडाने पर ऐक्शन लिया गया है। अजय दास ने दो बजे प्रेसवार्ता करेंगे।

बता दें कि, प्रयागराज में अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने संन्यास की दीक्षा ली थी। संन्यास लेने के बाद ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनाया गया था जिसका जमकर विरोध किया जा रहा था। एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी का नाम भी बदलकर ममता नंदगिरी कर दिया गया था।

ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने के बाद कई संत इस फैसले को लेकर नाराज थे। उनका कहना था कि, ऐसे प्रतिष्ठित पद को हासिल करने के लिए सालों के आध्यात्मिक अनुशासन और समर्पण की जरूरत होती है, जबकि ममता को एक ही दिन में महामंडलेश्वर चुन ली गईं। बता दें कि, किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता का पट्टाभिषेक कराया था और उन्हें साध्वी के कपड़े पहनाकर दूध से नहलाया गया था।

महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े से निकाले जाने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा, मैं पूछना चाहता हूं कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को निकालने वाले वह (ऋषि अजय दास) कौन होते हैं। सभी 13 अखाड़ों ने उनका समर्थन किया है। जिन्होंने उन्हें निकाला है, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वह कौन हैं।

मैंने पहली बार उनका नाम सुना है - जो किन्नर अखाड़े के संस्थापक होने का दावा कर रहे हैं। हम लक्ष्मी नारायण के साथ हैं, क्योंकि हम उन्हें ही जानते हैं। वैराग्य जीवन के किसी भी चरण में और किसी को भी हो सकता है। अगर ममता कुलकर्णी स्वेच्छा से किन्नर अखाड़े में शामिल होना चाहती थीं - तो इसमें किसी को क्या आपत्ति होनी चाहिए? हम ममता कुलकर्णी के साथ हैं - वे दोनों वसंत पंचमी पर जूना अखाड़े के साथ पवित्र स्नान करेंगी।

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