उप्र में 50 फीसदी क्षमता के साथ खुलेंगे सरकारी और निजी कार्यालय
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड से बचाव को लेकर बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने सोमवार को टीम-09 की बैठक में कहा कि प्रदेश के सभी शासकीय, निजी कार्यालयों में (आवश्यक सेवाओं के अलावा) एक समय में 50 प्रतिशत कार्मिकों की भौतिक उपस्थिति की व्यवस्था लागू की जाए। आवश्यकतानुसार 'वर्क फ्रॉम होम' संस्कृति को प्रोत्साहित किया जाए। निजी क्षेत्र के कार्यालयों में सेवारत कोई कर्मचारी यदि कोविड पॉजिटिव होता है तो उसे भी न्यूनतम सात दिनों का वेतन सहित अवकाश अनुमन्य कराया जाए। सभी कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना अनिवार्य रूप से हो। बिना स्क्रीनिंग किसी को प्रवेश न दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर एक प्रदेशवासी के जीवन और जीविका की सुरक्षा के लिए संकल्पित है। इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं। बीते कुछ दिनों से प्रदेश में कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। लोगों में पैनिक न हो, इसलिए उन्हें सही, सटीक और समुचित जानकारी दी जाए।उन्होंने कहा कि उप्र में वर्तमान में एक्टिव केस की कुल संख्या 33 हजार 946 है। इनमें 33 हजार 563 लोग होम आइसोलेशन में हैं। बहुत कम संख्या में लोगों को अस्पताल की जरूरत पड़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वेरिएंट पूर्व के वेरिएंट्स की तुलना में बहुत कम नुकसानदेह है, जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, उनके लिए यह बड़ा खतरा नहीं है। कोरोना प्रोटोकॉल का हर हाल में अनुपालन जरूरी है। घबराने की नहीं, सावधानी और सतर्कता की जरूरत है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए टीकाकरण को और तेज करने की जरूरत है। इस क्रम में घोषित निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार चरणबद्ध रूप से जिलों को चिन्हित करते हुए 100 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य तय किया जाए। मतदान तिथि के 10 दिवस पूर्व तक संबंधित जिलों के हर एक नागरिक को टीका-कवर मिलना सुनिश्चित किया जाए। इस नवीन नीति के अनुसार विस्तृत कार्ययोजना आज शाम तक तैयार कर प्रस्तुत की जाए। सरकारी, निजी क्षेत्र के सभी अस्पतालों में ओपीडी मरीजों के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट को प्रोत्साहित किया जाए। विशेष परिस्थिति में ही लोग अस्पताल आएं। मरीजों के लिए टेलिकन्सल्टेशन की सुविधा का विकल्प दिया जाना चाहिए।
21 करोड़ 39 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण और नौ करोड़ 48 लाख से अधिक टेस्टिंग करके उत्तर प्रदेश टेस्टिंग और टीकाकरण में देश में प्रथम स्थान पर है। 13 करोड़ 47 लाख अधिक लोगों ने टीके की पहली डोज ले ली है। सात करोड़ 91 लाख से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज लेकर सुरक्षा कवर पा चुके हैं। विगत दिवस तक 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के कोविड टीकाकरण में 24 लाख 22 हजार से अधिक किशोरों ने टीका लगवाए हैं। टीके की उपयोगिता को देखते हुए जल्द से जल्द सभी पात्र लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए। अधिकाधिक स्कूलों में विशेष शिविर लगाए जाएं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बस, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट जैसे स्थानों पर टेस्टिंग के दौरान कोविड पॉजिटिव पाए जा रहे लक्षणयुक्त लोगों को संस्थागत आइसोलेशन में रखा जाए। इनके लिए क्वारन्टीन सेंटर, भोजन और समुचित उपचार की पुख्ता व्यवस्था की जाए।उन्होंने कहा कि बीते 24 घंटों में हुई दो लाख एक हजार 465 सैम्पल की जांच में कुल 8334 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 335 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। लोगों को मास्क पहनने, टीका लेने और सोशल डिस्टेन्सिंग के लिए प्रेरित किया जाए। बचाव का यह सर्वोत्तम प्राथमिक उपाय है। कोविड से बचाव के लिए अति महत्वपूर्ण टीकाकरण का कार्य प्रदेश में सुचारू रूप से चल रहा है। आज से सभी कोरोना वॉरियर्स, हेल्थकेयर व फ्रंटलाइन वर्कर्स तथा 60 वर्ष से ऊपर की आयु के को-मॉर्बीडिटी वाले नागरिकों को प्री-कॉशन डोज दी जा रही है। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप हर पात्र व्यक्ति को प्री-कॉशन डोज जरूर दी जाए। पुलिस बल के हर सदस्य को प्री-कॉशन डोज दी जाए।
हर जिले के नोडल अधिकारियों को उनके सम्बंधित जिलों में तीन दिवसीय प्रवास पर भेजा जाए। प्रवास के दौरान यह नोडल अधिकारी जिलों में कोविड ट्रेसिंग, टेस्टिंग, टीकाकरण, अस्पतालों की व्यवस्था, गोशालाओं के प्रबंधन, रैन बसेरों के इंतजाम आदि का निरीक्षण करेंगे। आवश्यकतानुसार व्यवस्थाओं को दुरुस्त करेंगे।विगत दिवस प्रदेश के कुछ जिलों से ओलावृष्टि हुई है। राहत विभाग की ओर से ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन करते हुए प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए। सभी औद्योगिक इकाइयां क्रियाशील रखी जाएं। चीनी मिलें पूर्ववत चलती रहें। रात्रि में संचालित होने वाली औद्योगिक इकाइयों के कार्मिकों को आवागमन की छूट दी जाए। जिलों में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को 24×7 एक्टिव रखा जाए। पूर्व की भांति वहां नियमित बैठकें आयोजित की जाएं। आईसीसीसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल मौजूद रहे। लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा दी जाए। आईसीसीसी हेल्पनंबर सार्वजनिक कर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। लोग किसी जरूरत पर तत्काल वहां संपर्क कर सकते हैं।
निगरानी समिति और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर को पूरी तरह सक्रिय किया जाए। गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डों में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील रहें। घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों को चिन्हित किया जाए। उनकी सूची जिला प्रशासन को दी जाए। जरूरत के मुताबिक लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए। कोविड के उपचार में उपयोगी जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए।