Hathras Satsang Accident : हाथरस हादसे में ग्वालियर की एक महिला की गई जान, 3 महिलाएं पहुंची घर, सीएम मोहन ने कही ये बात

Hathras Satsang Accident : हाथरस हादसे में ग्वालियर की एक महिला की गई जान, 3 महिलाएं पहुंची घर, सीएम मोहन ने कही ये बात
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Hathras Satsang Accident : ग्वालियर की रहने वाली रामश्री सिंह की जान चली गई है। वहीं अन्य 3 महिलाएं सकुशल हैं। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने देते हुए सोशल मीडिया पर इस हादसे को लेकर दुख जताया।

Hathras Satsang Accident : ग्वालियर। बीते दिन उत्तर प्रदेश के हाथरस सत्संग हादसे में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी, जिसमें जवान, बूढ़े, महिलाएं बच्चे भी शामिल हैं। घटना दिल को झकझोर देने वाली है। हादसे के बाद हाथरस स्थानीय जिला अस्पताल में स्थिति गंभीर होती गई, मरीज एकाएक अस्पताल पहुंचे साथ ही, पूरी रात अस्पताल के मुर्दा घर में पोस्टमॉर्टम चलता रहा।

वहीं जानकारी के मुताबिक, ग्वालियर की रहने वाली रामश्री सिंह की जान चली गई है। वहीं अन्य 3 महिलाएं सकुशल हैं। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने देते हुए सोशल मीडिया पर इस हादसे को लेकर दुख जताया और मृतक को श्रद्धांजलि दी है।

वहीं आज घटना के बाद सीएम योगी घटना स्थल का मुआयना करने पहुंचे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को हाथरस भगदड़ में घायल लोगों से भी मुलाकात की। उन्होंने डॉक्टर्स से भी घायलों के स्वास्थ की जानकारी ली। इस मामले में यूपी के मंत्री और भाजपा विधायक असीम अरुण ने कहा, "पुलिस के पास जो जानकारी है उसके अनुसार घटना में 121 लोगों की मौत हुई है। 19 शवों की पहचान होनी बाकी है।

मंत्री ने असीम अरुण ने आगे बताया कि, जानकारी के अनुसार सत्संग कार्यक्रम समाप्त हुआ तो आयोजकों ने कुछ अव्यवस्था की, लोगों को रोका, बाहर निकलने का रास्ता संकरा था। यह भी कहा जा रहा है कि कि वहां कोई गड्ढा था, लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई। इस बात को सत्यापित किया जाना बाकी है। सीएम ने एडीजी, आगरा जोन की अध्यक्षता में मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

बता दें कि, सत्संग कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें देवप्रकाश मधुकर को 'मुख्य सेवादार' कहा गया है और धार्मिक आयोजन के अन्य आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जहां भगदड़ मची थी। इस प्रथिमिकी में बाबा का नाम शामिल नहीं है।

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