18 वीं लोकसभा में 46 प्रतिशत MP पर आपराधिक मामले, इनमें से 170 पर बलात्कार और अपहरण का आरोप

ADR Report Analysis

ADR Report Analysis : 18 वीं लोकसभा में 46 प्रतिशत MP पर आपराधिक मामले, इनमें से 170 पर बलात्कार और अपहरण का आरोप

Criminal Background of MP : 2019 में हुए लोकसभा चुनाव से तुलना करने पर पता चलता है कि, इस बार अधिक आपराधिक आरोपों वाले सांसद चुने गए हैं।

Criminal Background of MP : दिल्ली। देश में 18 वीं लोकसभा के लिए सांसद चुन लिए गए हैं। अब ये सांसद आने वाले पांच साल अपने क्षेत्र की जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाएंगे। इन सांसदों से जुड़ी एक रोचक रिपोर्ट सामने आई है। इसके अनुसार 18 वीं लोकसभा के लिए चुने गए सांसदों में से 46 प्रतिशत सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इतना ही नहीं इनमें से 170 सांसद ऐसे हैं जिन पर बलात्कार, अपहरण जैसे गंभीर आरोप हैं। आइए जानते हैं इस रिपोर्ट के बारे में विस्तार से।

एडीआर (ADR Report) द्वारा 18 वीं लोक सभा के लिए चुने गए सांसदों के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया। इसमें यह जानकारी सामने आई कि, 543 सांसदों में से 251 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं। इसका मतलब 46 प्रतिशत उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मामले हैं। इसकी तुलना अगर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव से करें तो पता चलता है कि, इस बार अधिक आपराधिक आरोपों वाले सांसद चुने गए हैं।

पिछला रिकॉर्ड :

2019 में 539 में से 233 सांसदों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये थे। यानी 43 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक आरोपों के साथ संसद पहुंचे थे। 2014 में 542 में से 185 (34 प्रतिशत) सांसदों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये थे। वहीं 2009 में 543 में से 162 (30 प्रतिशत) सासदों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये थे। 2009 से आपराधिक मामले घोषित करने वाले सांसदों की संख्या में 55 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है।

गभीर आपराधिक मामलों में आरोपी सांसद :

2024 में संसद में 170 ऐसे सांसद हैं जिन पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। इस तरह 31 सांसद गंभीर आपराधिक आरोपों के साथ संसद पहुंचे हैं। गंभीर आरोपों में हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के ऊपर अत्याचार आदि शामिल है। 2019 में 539 में से 159 (29 प्रतिशत) सांसदों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये थे। वहीं 2014 में 542 में से 112 (21 प्रतिशत) सांसदों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये थे। 2009 में 543 में से 76 (14 प्रतिशत) सांसदों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये थे। अब सभी आंकड़ों पर ध्यान दें तो पता चलता है कि, 2009 से गंभीर आपराधिक मामले घोषित करने वाले सांसदों की सख्या में 124 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह आंकड़ें भारतीय लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय हो सकते हैं।



किस पार्टी के कितने उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले :

BJP के 240 में से 94 (39 प्रतिशत)

INC के 99 में से 49 (49 प्रतिशत)

SP के 37 में से 21 (57 प्रतिशत)

TMC के 29 में से 13 (45 प्रतिशत)

DMK के 22 में से 13 (59 प्रतिशत)

TDP के 16 में से 8 (50 प्रतिशत)

Shiv Sena 7 में से 5 (71 प्रतिशत)

गंभीर अपराध के आरोपी सांसद :

BJP के 240 में से 63 (26 प्रतिशत)

INC के 99 में से 32 (32 प्रतिशत)

SP के 37 में से 17 (46 प्रतिशत)

TMC के 29 में से 7 (24 प्रतिशत)

DMK के 22 में से 6 (27 प्रतिशत)

TDP के 16 में से 5 (31 प्रतिशत)

Shiv Sena के 7 में से 4 (57 प्रतिशत)


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