केंद्र सरकार का बड़ा निर्णय: नागालैंड, असम और मणिपुर में घटाया AFSPA का दायरा
नईदिल्ली। केंकेंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण कदम के तहत दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) के तहत आने वाले अशांत क्षेत्रों का दायरा कम किया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
Reduction in areas under AFSPA is a result of the improved security situation and fast-tracked development due to the consistent efforts and several agreements to end insurgency and bring lasting peace in North East by PM @narendramodi government.
— Amit Shah (@AmitShah) March 31, 2022
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि संपूर्ण असम में वर्ष 1990 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना लागू है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के गठन के बाद सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार के कारण अब एक अप्रैल से असम के 23 जिलों को पूर्ण रूप से और एक जिले को आंशिक रूप से एएफएसपीए के प्रभाव से हटाया जा रहा है। असम में कुल 34 जिले हैं।
संपूर्ण मणिपुर (इंफाल नगर पालिका क्षेत्र को छोड़कर) में अशांत क्षेत्र घोषणा वर्ष 2004 से चल रही है। केंद्र सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 6 जिलों के 15 पुलिस स्टेशन क्षेत्र को एक अप्रैल 2022 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना से बाहर किया जा रहा है।
अरूणाचल प्रदेश में 2015 में 3 जिले, अरूणाचल प्रदेश की असम से लगने वाली 20 किमी. की पट्टी और 9 अन्य जिलों में 16 पुलिस स्टेशन क्षेत्र में एएफएसपीए लागू था जो धीरे धीरे कम करते हुए वर्तमान में सिर्फ 3 जिलों में और एक अन्य जिले के 2 पुलिस स्टेशन क्षेत्र में लागू है।सम्पूर्ण नागालैण्ड में अशान्त क्षेत्र अधिसूचना वर्ष 1995 से लागू है। केन्द्र सरकार ने इस सन्दर्भ में गठित कमेटी की चरणबद्ध तरीके से एएफएसपीए हटाने की सिफारिश को मान लिया है। नागालैंड में एक अप्रैल से 7 जिलों के 15 पुलिस स्टेशनों से अशांत क्षेत्र अधिसूचना को हटाया जा रहा है।
मंत्रालय ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्र सरकार के निरंतर प्रयासों से उत्तर-पूर्वी राज्यों में ऐसे अनेक कदम उठाये गए हैं जिससे सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और विकास में तेजी आयी है। वर्ष 2014 की तुलना में, वर्ष 2021 में उग्रवादी घटनाओं में 74 प्रतिशत की कमी आई है। उसी प्रकार इस अवधि में सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की मृत्यु में भी क्रमश: 60 प्रतिशत और 84 प्रतिशत की कमी आई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार के लगातार प्रयासों से तथा पूर्वोत्तर में सुरक्षा स्थिति में सुधार के परिणामस्वरूप भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम के तहत दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम किया है।
मंत्रालय ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री की शांतिपूर्ण और समृद्ध उत्तर-पूर्व क्षेत्र की परिकल्पना को साकार करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी उत्तर-पूर्व राज्यों से निरंतर संवाद किया । जिसके परिणाम स्वरुप अधिकांश उग्रवादी समूहों ने देश के संविधान और मोदी सरकार की नीतियों में विश्वास जताते हुए हथियार डाले। आज वो सभी लोग लोकतंत्र का हिस्सा बनकर उत्तर पूर्व की शांति और विकास में सहभागी बन रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में लगभग 7000 उग्रवादियों ने सरेंडर किया है।
पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत सरकार ने पूर्वोत्तर में उग्रवाद समाप्त करने और स्थायी शांति लाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वप्न को साकार करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। जैसे, जनवरी, 2020 का बोडो समझौता जिसने असम की 5 दशक पुरानी बोडो समस्या का समाधान किया है।04 सितंबर, 2021 का करबी-आंगलांग समझौता जिसने लंबे समय से चल रहे असम के करबी क्षेत्र के विवाद को हल किया है।त्रिपुरा में उग्रवादियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए अगस्त 2019 में एनएलएफटी (एसडी) समझौता किया गया।
केंद्र सरकार ने 16 जनवरी, 2020 को 23 साल पुराने ब्रु-रिआंग शरणार्थी संकट को सुलझाने के लिए एक ऐतिहासिक समझौता किया गया, जिसके अधीन 37 हजार आंतरिक विस्थापित लोगों को त्रिपुरा में बसाया जा रहा है। इतना ही नहीं, 29 मार्च, 2022 को असम और मेघालय राज्या की सीमा के संदर्भ में एक और महत्वपूर्ण समझौता हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी पूरे उत्तर-पूर्व क्षेत्र को उग्रवाद मुक्त करने के लिए संकल्पित हैं, इस संबंध में केंद्र सरकार समय-समय पर राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ संवाद करती रही है। मोदी सरकार द्वारा सुरक्षा स्थिति में सुधार के कारण एएफएसपीए के अंतर्गत अशांत क्षेत्र अधिसूचना को त्रिपुरा से 2015 में और मेघालय से 2018 में पूरी तरह से हटा लिया गया है।