खेती पानी से होती है लेकिन खून से खेती कांग्रेस करती है : कृषि मंत्री तोमर
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नईदिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में जारी आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद के राज्यसभा में कहा की किसान हमारी सबसे बड़ी ताकत है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान केंद्रीय मंत्री ने किसानों को देश की सबसे बड़ी ताकत' बताया।
उन्होंने कहा की दुनिया जानती है कि खेती खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है, भारतीय जनता पार्टी खून से खेती नहीं कर सकती। उन्होंने कहा की हमारी सरकार गरीब और किसान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आने वाले कल में भी रहेगी। कई बार विपक्ष की तरफ से ये बात सामने आती है कि आप कहते हैं कि सब मोदी जी की सरकार ने किया है पिछली सरकारों ने तो कुछ भी नहीं किया। मैं इस मामले में ये कहना चाहता हूं कि इस प्रकार का आरोप लगाना उचित नहीं है।
मोदी जी ने सेंट्रल हॉल में अपने पहले भाषण में और 15 अगस्त में भी उन्होंने कहा था कि मेरे पूर्व जितनी भी सरकारे थी। उन सबका योगदान देश के विकास में अपने-अपने समय पर रहा है। कुछ लोग मनरेगा को गड्ढों वाली योजना कहते थे। जब तक आपकी सरकार थी उसमें गड्ढे खोदने का ही काम होता था। लेकिन मुझे ये कहते हुए प्रसन्नता और गर्व है कि इस योजना की शुरुआत आपने की लेकिन इसे परिमार्जित हमने किया।
किसान की आमदनी दोगुनी हो इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से 6,000 रुपये का योगदान दिया। आज हम ये कह सकते हैं कि दस करोड़ 75 लाख किसानों को 1,15,000 करोड़ रुपये डीबीटी से उनके अकाउंट में भेजने का काम किया है। उन्होंने कहा की मैं प्रतिपक्ष का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की और आंदोलन के लिए सरकार को जो कोसना आवश्यक था उसमें भी कंजूसी नहीं की और कानूनों को जोर देकर काले कानून कहा। मैं किसान यूनियन से 2 महीने तक पूछता रहा कि कानून में काला क्या है।
भारत सरकार कानूनों में किसी भी संशोधन के लिए तैयार है इसके मायने ये नहीं लगाए जाने चाहिए कि कृषि कानूनों में कोई गलती है। पूरे एक राज्य में लोग गलतफहमी का शिकार हैं। किसानों को इस बात के लिए बरगलाया गया है कि ये कानून आपकी जमीन ले जाएंगे।
मनरेगा के लिए फंड बढ़ा -
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमने मनरेगा के लिए लगातार फंड बढ़ाया। जब कोरोना ने देश को प्रभावित किया, उस समय मनरेगा कीनिधि आवंटनराशि 61,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.115 लाख करोड़ रुपयेकिया।इसके तहत 10 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया। उन्होंने बताया की से ग्रामों में रहने वाले लोगों के जीवन शैली में बदलाव आया है।