एयर इंडिया को टाटा समूह को बेचना सरकार का ऐतिहासिक निर्णय - ज्योतिरादित्य सिंधिया
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संचालन पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा था
नई दिल्ली/वेब डेस्क। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नेशनल कैरियर एयर इंडिया को टाटा समूह को बेचे जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरकार के इस निर्णय को ऐतिहासिक और लैंडमार्क बताया है। श्री सिंधिया ने कहा है कि यह दोनों पक्षों (सरकार और टाटा समूह) की लिए फायदे का सौदा है। श्री सिंधिया ने कहा की एयर इंडिया पर लगभग एक लाख करोड़ से भी अधिक का कर्ज था जो की प्रति दिन के हिसाब से 20 करोड़ और सालाना करीब 7200 करोड़ का होता है. इतने भारीभरकम कर्ज को लेकर इसके संचालन पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा था। ये हमारे टैक्स पेयर्स की गाढ़ी कमाई का पैसा है जो व्यर्थ नहीं गवायाँ जा सकता।
केंद्रीय मंत्री ने दी शुभकामनाएं-
किसी भी संवेदनशील सरकार की यह नैतिक जिम्मेदारी है की टैक्स पयेर्स का पैसा उत्पादकता बढ़ाने और समझदारी से विनिवेश किया जाना चाहिए. में सिर्फ एयर इंडिया का मंत्री न होकर, एअरपोर्ट और सिविल एविएशन का भी मंत्री हूं, इसलिए यह मेरी जिम्मेदारी बनती है कि हितधारको को उनके मूल्यों का अधिक से अधिक लाभ मिल सके। इस दृष्टी से विनिवेश के सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय को में एक ऐतिहासिक मानता हू और नए मालिकों को इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं।
ये ऐतिहासिक कदम है - सिंधिया
इंटरव्यू में दिए गए बयान में श्री सिंधिया ने कहा की विनिवेश की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी राशि टाटा समूह द्वारा भारत सरकार को प्राप्त होगी जबकि 85 प्रतिशत बिड अमाउंट कर्ज अदायगी में एयर इंडिया द्वारा नए मालिकों (टाटा समूह) को हस्तांतरित होगी। बाकि बचे कर्ज जिसमे चालित अवुम अचल संपत्ति शामिल है का मुद्धिकरण कर ओफ़्सेट किया जाने का मसोदा तैयार किया गया है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विभिन मंत्रालयों को इंडस्ट्री सेंट्रिक नीतियों का समावेश कर परस्पर काम करने हेतु निर्देशित और उत्साहित किया है. श्री सिंधिया ने कहा कि बढती मांग खास तौर से सोशल सेक्टर/ इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर आदि के चलते सरकारी संसाधनों पर अधिक दवाब पड़ा है इसलिए हमको ये सुनिश्चित करना होगा कि पूंजी का अधिक से अधिक प्रतिदान / लाभ मिल सके। सरकार इस दिशा में काम कर रहे है. अगर इस दृष्टी से विनिवेश का मूल्यांकन करने पर देखेंगे तो पता पाएंगे कि ये ऐतिहासिक कदम है जिसकी सबने सराहना की है. श्री सिंधिया ने कहा की इसके बाद भारत में अब लगभग 3-4 बड़े केरियर समूह होंगे जो यात्रियों की घरेलू और इंटरनेशनल जरुरत को पूरा करने में अपना योगदान देंगे। टाटा समूह के पास 250 प्लस 140 (नये विमान) विमानों का सबसे बड़ा बेडा होगा जबकि इंडिगो के पास लगभग 270 विमान और स्पाइस जेट के पास लगभग 100 विमानों का बेडा है। सिंधिया ने भरोसा दिलाया किविमानन सेक्टर को अधिक सार्थक और व्यावहारिक बनाने की दिशा में हर संभव प्रयास किये जा रहे। एटीएफ एयर टरबाइन फ्यूल को नियंत्रित कर जीएसटी के दायरे में लेन के प्रयास जारी है, जिससे ऑपरेटिंग कास्ट कम होगी।
विनिवेश प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ -
एक सवाल के जवाब में सिंधिया ने बताया कि विनिवेश प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ की गई और मुझे बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि दोनों बिड्स (टेक्निकल और फाइनेंसियल) रिज़र्व प्राइस से अधिक थी लाइब्ल्टिी और एसेट्स ट्रान्सफर की प्रक्रिया भी एसपीव्ही (स्पेशल पर्पस व्हीकल) के माध्यम से की जाएगी। जहाँ तक कर्मचारी/कामगारी कर्मचारियों का सवाल है तो ये सुनिश्चित किया गया है कि उनके साथ न्यायसंगत प्रक्रिया का पालन हो. मसलन एक वर्ष तक कोई छटनी नहीं की जाएगी. कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए पूरा सुरक्षा पैकेज बनाया गया है जिसमे वीआरएस से लेकर स्वास्थ संबंधी, पेंशन संबंधी, पीएफ संबंधी, रिटायरमेंट, आवासीय आदि विषयों का समावेश किया गया है।