Delhi Air Pollution: दिल्ली में एयर पॉल्यूशन बना आफत, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार के एक्शन पर उठाए सवाल

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सुप्रीम कोर्ट

Delhi Air Pollution : नई दिल्ली। दिल्ली में एयर पॉल्यूशन की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। खुली हवा में सांस लेना लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। बुधवार को एयर पॉल्यूशन से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार द्वारा पराली जलाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने पर कड़ी आपत्ति जताई।

मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, अगर ये सरकारें वाकई कानून लागू करने में दिलचस्पी रखती हैं तो कम से कम एक मुकदमा तो होना ही चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव से कहा कि करीब 1080 उल्लंघनकर्ताओं (परली जलाने वाले) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई लेकिन सिर्फ 473 लोगों से मामूली जुर्माना वसूला गया। 600 या उससे ज्यादा लोगों को सरकार द्वारा बचा लिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, 'हम आपको (पंजाब और हरियाणा सरकार) साफ-साफ बता दें कि आप उल्लंघनकर्ताओं को यह संकेत दे रहे हैं कि उनके खिलाफ कुछ नहीं किया जाएगा। यह पिछले तीन सालों से हो रहा है।'

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार, पंजाब और हरियाणा राज्यों को याद दिलाया जाए कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ये अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों के घोर उल्लंघन के मामले हैं।

बता दें कि, दिल्ली के कई इलाकों में एयर पॉल्यूशन की स्थिति काफी खराब है। कई इलाकों में AQI 260 से लेकर 416 तक पहुँच गया है। इसका मतलब है कि, दिल्ली के कई इलाकों में हवा सांस लेने लायक भी नहीं है। इस एयर पॉल्यूशन की मुख्य वजह गाड़ियों और उद्योगों से निकलने वाला धुंआ है। इस समय हरियाणा - पंजाब में स्टबल बर्निंग यानी पराली जलाई जाती है जिससे एयर पॉल्यूशन और गंभीर हो जाता है।

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