एशिया के सबसे बड़े एयर शो 'Aero India' का शुभारंभ, 98 देश, 809 कंपनियां लेंगी भाग
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (सोमवार) बेंगलुरु में एशिया के सबसे बड़े एयरो शो 'एयरो इंडिया' के 14वें संस्करण का उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी एयरोस्पेस और रक्षा क्षमताओं में भारत की वृद्धि को प्रदर्शित करके मजबूत और आत्मनिर्भर 'नए भारत' का प्रदर्शन करेगी। 'इंडिया पवेलियन' भविष्य की संभावनाओं सहित रक्षा क्षेत्र में भारत के विकास को प्रदर्शित करेगा। इसमें एमएसएमई और स्टार्ट-अप सहित 809 रक्षा कंपनियां एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में अपना प्रदर्शन करेंगी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 'एयरो इंडिया' देश की विनिर्माण क्षमता और प्रधानमंत्री की कल्पना के अनुसार 'आत्मनिर्भर भारत' को साकार करने की दिशा में हुई प्रगति को प्रदर्शित करेगा। उन्होंने कहा कि यह आयोजन एयरोस्पेस और विमानन क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने कहा कि इसमें 'मेक इन इंडिया' और 'मेक फॉर द वर्ल्ड' विजन के अनुरूप स्वदेशी उपकरणों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने एवं विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि एयरो इंडिया 2023 देश के समग्र विकास के साथ-साथ रक्षा में 'आत्मनिर्भरता' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक जीवंत और विश्व स्तरीय घरेलू रक्षा उद्योग बनाने के सरकार के प्रयासों को एक नया बल प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इस मौके पर विभिन्न देशों के रक्षा मंत्री, रक्षा राज्यमंत्री, रक्षा कर्मचारियों के प्रमुख और रक्षा सचिव के स्तर पर कई द्विपक्षीय बैठकें होंगी। साझेदारी को अगले स्तर तक ले जाने के लिए नए रास्ते तलाश कर मित्र देशों के साथ रक्षा और एयरोस्पेस संबंधों को मजबूत करने पर फोकस होगा।
वायसेना प्रमुख ने गुरुकुल फॉर्मेशन में उड़ान भरी-
उद्घाटन से पहले प्रदर्शनी स्थल पर फ्लाईपास्ट हुआ, जिसमें वायुसेना के विमानों ने अलग-अलग फॉर्मेशन में उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने फ्लाईपास्ट के दौरान गुरुकुल फॉर्मेशन का नेतृत्व किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एयरो इंडिया 2023 पर स्मारक डाक टिकट जारी किया। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु का आसमान न्यू इंडिया के सामर्थ्य का गवाह बन रहा है। बेंगलुरु का आसमान इस बात की गवाही दे रहा है कि नई ऊंचाई ही नए भारत की सच्चाई है। आज देश नई ऊंचाइयों को छू रहा है और उसे पार भी कर रहा है।
अब तक का सबसे बड़ा एयरो इंडियाः
वायुसेना स्टेशन, येलहंका में आयोजित इस प्रदर्शनी में 13 से 15 फरवरी व्यावसायिक दिन होंगे, जबकि 16 और 17 फरवरी को आम लोगों के लिए प्रदर्शनी खुली रहेगी। लगभग 35 हजार वर्ग मीटर के कुल क्षेत्रफल में यह 'एयरो इंडिया' अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है, जिसमें 98 देशों के भाग लेने की संभावना है। इस कार्यक्रम में 32 देशों के रक्षा मंत्रियों, 29 देशों के वायु सेना प्रमुखों और वैश्विक और भारतीय ओईएम के 73 सीईओ के भाग लेने की उम्मीद है। एमएसएमई और स्टार्ट-अप सहित 809 रक्षा कंपनियां एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में अपना प्रदर्शन करेंगी।
प्रमुख कंपनियां और उपकरणः
प्रमुख प्रदर्शकों में एयरबस, बोइंग, डसॉल्ट एविएशन, लॉकहीड मार्टिन, इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, आर्मी एविएशन, एचसी रोबोटिक्स, साब, सफरान, रोल्स रॉयस, लार्सन एंड टुब्रो, भारत फोर्ज लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और बीईएमएल लिमिटेड शामिल हैं। एयरो इंडिया में यूएवी क्षेत्र में विकास, रक्षा अंतरिक्ष और भविष्य की प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जायेगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए)-तेजस, एचटीटी-40, डोर्नियर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच), लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) जैसे स्वदेशी हवाई प्लेटफार्मों के निर्यात को बढ़ावा देना है।
भारतीय पवेलियन-
फिक्स्ड विंग प्लेटफॉर्म' थीम पर आधारित 'इंडिया पवेलियन' भविष्य की संभावनाओं सहित क्षेत्र में भारत के विकास को प्रदर्शित करेगा। इसमें 227 उत्पादों को प्रदर्शित करने वाली कुल 115 कंपनियां शामिल होंगी। स्वदेशी एलसीए तेजस विमान 'भारत मंडप' का आकर्षण होगा। एलसीए तेजस सिंगल इंजन, हल्का वजन, अत्यधिक चुस्त, बहु-भूमिका वाला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है। डेल्टा विंग वाले इस विमान को आक्रामक हवाई समर्थन के लिए 'टोही' और 'एंटी-शिप' के रूप में डिजाइन किया गया है। यह पवेलियन दुनिया को 'न्यू इंडिया' की संभावनाओं, अवसरों और संभावनाओं से परिचित कराएगा। स्वदेशी रक्षा उत्पादों की प्रदर्शनी लगेगी, जिसमें व्यापारिक संगठन और स्टार्ट-अप्स अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर सकेंगे। यह पवेलियन रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में भारत की उभरती क्षमताओं को दुनिया के सामने लाने में मददगार होगा।