आपदा के समय लाइफलाइन बनी वायुसेना, विदेश से लेकर देश के हर कोने में पंहुचा रही कंटेनर

आपदा के समय लाइफलाइन बनी वायुसेना, विदेश से लेकर देश के हर कोने में पंहुचा रही कंटेनर
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नईदिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कर भारतीय वायुसेना के विमान सी-17 ग्लोबमास्टर्स लाइफलाइन बन गए है। ये सभी देशों से ऑक्सीजन के टैंकरों को लाने और भारत में स्थित प्लांट्स तक पहुंचाने का कार्य कर रहें है। जिससे लाखों मरीजों की सांसे निरंतर चल रही है। देश से लेकर विदेश तक वायुसेना के एयरक्राफ्ट्स खाली ऑक्सीजन कंटेनर लाने के लिए उड़ान भर रहे हैं​​।​​​

भारतीय वायुसेना के सी -17 विमान ने 25 अप्रैल की दोपहर में 3:30 बजे ग्वालियर एयरफोर्स बेस से रांची के लिए 15 हजार लीटर क्षमता के 2 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकरों को एयरलिफ्ट किया​​। ​दो कंटनेर ग्वालियर से रांची वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने एयरलिफ्ट किए थे​​।​ शनिवार को ही भारतीय वायु सेना का एक सी-17 विमान हिंडन एयर बेस से सुबह 08:00 बजे पुणे एयर बेस के लिए रवाना हुआ और 02 खाली क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर ट्रकों को जामनगर एयर बेस के लिए पहुंचा​​।​ वहां से सी-17 विमान पुणे से जामनगर पहुंचा जिसमें 2 और खाली कंटेनर हैं​​।​ इससे पहले एक अन्य सी-17 विमान ने शनिवार को दो खाली कंटेनर जोधपुर से जामनगर पहुंचाए थे​​।​​​ ​​

सिलेंडर को एयरलिफ्ट करना मुश्किल -

ऑक्सीजन के भरे हुए सिलेंडर और कंटनेर्स को एयरलिफ्ट नहीं किया जा सकता है क्योंकि आसमान में दवाब (प्रेशर) के चलते लिक्विड ऑक्सीजन के लीक हो​ने और आग लगने का खतरा बना रहता है​​​​।​​​ इसीलिए वायुसेना के विमानों का इस्तेमाल खाली सिलेंडर और कंटनेर्स को ले जाने के लिए इस्तेमाल हो रहा है, ताकि आवाजाही का समय कम हो सके​​।​ भारतीय वायुसेना के एक चिनूक हेलीकाप्टर और एक एन-32 सैन्य विमान ने कोविड टेस्टिंग उपकरण जम्मू से लेह और जम्मू से करगिल तक पहुंचा​​।​​​​ ​इन ​उपकरणों में बायो सेफ्टी कैबिनेट, सेंट्रीफ्यूज और स्टेबलाइजर्स शामिल थे​​।​​​​ इन मशीनों को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ​ने बनाया गया है और अब जांच क्षमता को बढ़ाने के लिए इन्हें लद्दाख को दिया गया है​​।​​​​​​​​​

दुबई से लाया कंटेनर -

वायुसेना का सी-17 परिवहन विमान 26 अप्रैल को 7 खाली क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर एयरलिफ्ट करने के लिए दुबई में उतरा। लोडिंग के बाद 06 ऑक्सीजन कंटेनर शाम 5:30 बजे पश्चिम बंगाल के पानागढ़ एयर बेस पर पहुंचाए​​। ​रक्षा सचिव डॉ​. अजय कुमार ने दुबई एयरपोर्ट पर सी-17 ग्लोबमास्टर का वीडियो ट्वीट ​करते हुए लिखा, "वायुसेना जब तक चैन से नहीं बैठेगी जब​ ​तक देश की जरूरतें पूरी नहीं होती​​।​" वायुसेना की दुबई से ऑक्सीजन कंटनेर लाने के लिए विदेश से दूसरी उड़ान थी​​।​ इससे पहले शनिवार को भी एक सी-17 ग्लोबमास्टर विमान 04 उच्च क्षमता के क्रायोजैनिक ऑक्सीजन टैंकर एयरलिफ्ट कर सिंगापुर से पानागढ़ आया था​​।​ ​

7 शहरों में पहुंचाए क्रायोजेनिक कंटेनर -

वायुसेना प्रवक्ता के मुताबिक 27 अप्रैल को सी-17 विमानों को देशभर के कम से कम 7 शहरों से क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर एयरलिफ्ट करके जामनगर, रांची और भुवनेश्वर पहुंचाने के मिशन पर लगाया गया है। इसके अलावा दुबई और सिंगापुर से पानागढ़ एयर बेस के लिए दूसरे लॉट में बहुत सारे ऑक्सीजन कंटेनरों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। सी-17 ने पुणे, इंदौर और भोपाल से जामनगर, बड़ौदा से रांची और हिंडन से पानागढ़ तक क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनरों की आपूर्ति की है​​। ​दिल्ली के करीब हिंडन एयरबेस से ग्लोबमास्टर लगातार जामनगर, पानागढ़, ग्वालियर, बेगमपेट (हैदराबाद), लेह, जम्मू, चंडीगढ़, जोधपुर, पुणे के लिए उड़ान भर रहे हैं​​।​ इसके अलावा सी-130 जे सुपर हरक्युलिस, आईएल-76 और ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर्स भी इस संकट की घड़ी में कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं​​।

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