"आइटम" वाले बयान के बाद "अकेले" पड़े नाथ!

आइटम वाले बयान के बाद अकेले पड़े नाथ!
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चुनाव आयोग के नोटिस का कमलनाथ ने जवाब दिया

भोपाल। शिवराज सरकार में मंत्री श्रीमती इमरती देवी को आइटम बताने के बाद जहां कमलनाथ अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं, तो वहीं भाजपा ने उन पर हमले तेज कर दिए हैं। इस बीच कमलनाथ ने चुनाव आयोग द्वारा दिए गए नोटिस का जबाव भेज दिया है। इन हालातों में कांग्रेस की डूबती नैया को पार लगाने के लिए अकेले कमलनाथ ही खेवैया बने हुए हैं। राहुल गांधी-प्रियंका गांधी समेत पार्टी के बड़े चेहरे अभी तक एक बार भी मध्यप्रदेश में उप चुनाव का प्रचार करने नहीं आए हैं, जबकि प्रचार के लिए महज आठ दिन ही बचे है। यहां 3 नवंबर को मतदान होना है और 1 नवंबर की शाम 5 बजे प्रचार बंद हो जाएगा।

यहां उलझी बात

कांग्रेस के अन्दरुनी सूत्रों का मनना है कि पिछले रविवार को कमलनाथ ने डबरा की सभा में इमरती देवी को आइटम कह दिया था। विवाद बढ़ा तो उन्होंने सफाई दी, 'आइटम अपमानजनक शब्द नहीं है। विधायक का नाम नहीं याद आ रहा था, इसलिए ऐसा बोल दिया।'इस विवाद के 45 घंटे बाद राहुल ने कहा था, 'कमलनाथ भले ही मेरी पार्टी के हैं, वे चाहे जो भी हों, लेकिन जिस भाषा का उन्होंने इस्तेमाल किया है, मैं निजी तौर पर उसे पसंद नहीं करता।'राहुल की फटकार के बावजूद कमलनाथ ने माफी मांगने से इनकार कर दिया था।

मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया

कमलनाथ ने आइटम वाले बयान पर मिले चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट करके नोटिस के जवाब को शेयर किया है। इसमें उन्होंने कहा कि 'कमलनाथ जी ने निर्धारित समय सीमा के अंदर चुनाव आयोग के समक्ष अपना जवाब पेश किया। उन्होंने अपने जवाब में कहा कि भाजपा पर हार की डर से मुद्दा बदलने का प्रयास बताया। 40 साल के निष्कलंक लोक सेवा के इतिहास का भी जिक्र किया। निश्चित रूप से कमलनाथ देश के चुनिंदा और वरिष्ठ लीडर्स में से एक है।'

राहुल ने मध्य प्रदेश से दूरी बना ली

कमलनाथ के 'आइटम' वाले बयान के बाद मचे हंगामे के बाद राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश से दूरी बना ली है। 18 अक्टूबर को डबरा में भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी को आइटम कह दिया था। इस बयान पर राहुल गांधी ने कड़ी नाराजगी जताई थी और कमलनाथ को फटकार लगाते हुए कहा था कि वो मेरी पार्टी में जरूर हैं, लेकिन मुझे इस तरह की भाषा पसंद नहीं है। भाजपा और कांग्रेस 30-30 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर चुके हैं। कांग्रेस की 18 अक्टूबर को जारी सूची में राहुल गांधी पहले नंबर पर सितारा नेता हैं, उसके बाद नेता मुकुल वासनिक और फिर तीसरे नंबर पर कमलनाथ का स्थान आता है। बताया जाता है कि कमलनाथ के बयान से राहुल के साथ ही प्रियंका भी नाराज हैं। इसलिए अब तक दोनों नेताओं ने मध्य प्रदेश का रुख नहीं किया है।

स्टार प्रचारकों में ये नाम शामिल, लेकिन दिखाई नहीं दिए

कांग्रेस की स्टार प्रचारकों की सूची में राहुल-प्रियंका के अलावा मुकुल वासनिक, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत, नवजोत सिंह सिद्धू, सचिन पायलट, अशोक चौहान, रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे बड़े नाम शामिल हैं। लेकिन, ये कोई भी नेता उपचुनाव में चुनावी सभा करते नहीं दिखाई दिए। वहीं स्टार प्रचारकों की लिस्ट में छठे नंबर पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम लिखा है, लेकिन उम्मीदवार चयन को लेकर उनकी बात न सुनी जाने की वजह से वह भी अन्दर ही अन्दर नाखुश हैं और बेमन से ही यदाकदा कार्यक्रमों में उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

सज्जन को भरोसा

हालांकि कमलनाथ के खास सलहकार पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को अभी भी भरोसा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की जल्द ही प्रदेश में जन सभाएं होगी। इसलिए वह दावा कर रहे हैं कि सचिन पायलट और प्रियंका गांधी का प्रोग्राम बन रहा है। राहुल गांधी अभी बिहार में व्यस्त हैं, लेकिन उनके भी आने की संभावनाएं खत्म नहीं हुई हैं। राहुल गांधी के व्यस्त समय से कुछ तारीखें मध्य प्रदेश में प्रचार अभियान के लिए निकाली जाएंगी। सचिन पायलट और प्रियंका गांधी को एक साथ लाने की बात पर सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि वह दोनों अलग-अलग पर्सनैलिटी हैं। उनको एक साथ नहीं, बल्कि अलग-अलग सभाएं कराई जाएंगी।

शिवराज से पिछड़े कमलनाथ

उपचुनाव में आचार संहिता लगने 29 सितंबर से लेकर 23 अक्टूबर तक 25 दिनों में शिवराज सिंह चौहान 41 सभाएं कर चुके हैं। वहीं कमलनाथ ने इन 21 सभाएं कीं हैं। ये दोनों नेता हर रोज 3-4 सभाएं कर रहे हैं। अभी 10 दिन हैं, ऐसे में ये दोनों नेता हर सीट पर कम से कम दो बार जा सकते हैं। भाजपा नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 25 सभाएं, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 17 और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने 19 सभाएं की हैं। कांग्रेस में अजय सिंह, अरुण यादव और सज्जन सिंह वर्मा सक्रिय हैं, उन्होंने 8 से 10 सभाएं की हैं। वहीं स्टार प्रचारक दिग्विजय सिंह ने इक्का-दुक्का सभाएं ही की हैं।

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