केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर को ट्रोल करने वाले उनके बारे में ये बातें भी जान लें
Savitri Thakur Viral Video
Savitri Thakur Viral Video : मध्यप्रदेश। पुरुषों के इस समाज में अगर कोई महिला आगे बढ़ जाए तो कई लोगों के पेट में दर्द हो सकता है। पिछले दशकों में ऐसे कई मंत्री रहे हैं जिन्होंने हाई स्कूल तक पढ़ाई नहीं की लेकिन देश सेवा के जज्बे ने उन्हें मंत्री बनने का अवसर दिया लेकिन जब बात एक महिला की आती है तो सभी का ध्यान उसकी कमियों पर पहले जाता है। ऐसी ही सोच का शिकार केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर (Savitri Thakur) भी हो गई। उन्हें सोशल मीडिया पर सिर्फ इसलिए ट्रोल किया जा रहा है क्योंकि वे सही से हिन्दी के दो अक्षर नहीं लिख सकीं। ऐसे लोगों को सावित्री ठाकुर का इतिहास भी जान लेना चाहिए।
मध्यप्रदेश के धार से आने वाली सावित्री ठाकुर उन महिलाओं में से हैं जिन्होंने समाज में अपने दम पर पहचान बनाई। सावित्री ठाकुर ने राजनीति की शुरुआत पंचायत स्तर से की थी। अब वे केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री बनाई गई हैं। राजनीती में आने से पहले वे समाजसेवा के कार्य किया करती थी। धार में आज उनकी एक अलग पहचान है।
सावित्री ठाकुर का जन्म 1 जून 1978 को हुआ था। उनके पति तुकाराम ठाकुर पेशे से किसान हैं। उनके दो बेटे हैं। सावित्री के परिवार से कोई व्यक्ति राजनीति से जुड़ा हुआ नहीं था हालांकि उनका परिवार आरएसएस के विचारों से प्रभावीर रहा है। शिक्षा की बात करें तो सावित्री ठाकुर 12 वीं पास हैं।
सावित्री ठाकुर ने धार और उसके आस - पास के क्षेत्र में महिलाओं के लिए कई कार्य किये थे। इसके बाद वे साल 2004 से 2009 तक पंचायत जिला अध्यक्ष रहीं हैं। साल 2014 में उन्होंने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था। इसमें वे विजयी भी हुईं थी। सावित्री ठाकुर ने कांग्रेस नेता उमंग सिंघार को एक लाख से अधिक वोट से हराया था। 2019 में पार्टी ने उनकी जगह दूसरे प्रत्याशी को मौका दिया। बावजूद इसके उन्होंने जमीनी स्तर पर काम करना नहीं छोड़ा।
साल 2024 में धार में पार्टी ने प्रत्याशी बदला और एक बार फिर सावित्री ठाकुर को मौका दिया। उन्होंने कांग्रेस के राधेश्याम मुवेल को 2 लाख से से अधिक वोट के अंतर से हराया। उन्हें मोदी सरकार 3.0 में केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया है।
केंद्रीय महिला बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर के वायरल वीडियो पर जो उनकी हंसी उड़ा रहे हैं उनको याद रखना चाहिए कि, आदिवासी इलाके से आने वाली महिला सावित्री ठाकुर ने अपने दम पर अपनी पहचान बनाई है। और देश के लोकतंत्र की ताकत ने उन्हें यहां तक पहुंचाया है।