अयोध्याधाम: रामलला के आशीर्वाद से अयोध्या की अर्थव्यवस्था में लगे पंख, बड़ी संख्या में लोगों को मिला रोजगार…
अयोध्याधाम: राम मंदिर निर्माण के चलते अयोध्या धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ ही बड़े ब्रांडस के केंद्र के रूप में भी उभर रही है। जिसके चलते सिर्फ मेलों पर निर्भर रहने वाली अयोध्या की अर्थव्यवस्था को पंख लग गए हैं। राम मंदिर सिर्फ आस्था ही नहीं, अयोध्या की अर्थव्यवस्था भी बन चुका है।
राममंदिर से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है। इससे अयोध्या की जीडीपी में 2% की वृद्धि हुई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर 1,000 लोगों को रोजगार दिया गया है। इनको वेतन के साथ पीएफ व ग्रेच्युटी की भी सुविधा प्राप्त है।
बता दें कि मंदिर निर्माण से जहां होटल, होम स्टे के कारोबार को पंख लगे हैं वहीं छोटे-छोटे धंधे भी फल-फूल रहे हैं। रामलला की फोटो, लॉकेट, पेन, पानी की बोतल, माथे पर चंदन लगाकर लोग रोजाना 500 से लेकर 1,000 रुपये तक कमा रहे हैं। पूजा सामग्री, फूल और हनुमानगढ़ी के प्रसाद विक्रेताओं की आय चार गुना तक बढ़ी है। रामनगरी बड़े ब्रांड्स के केंद्र के तौर पर भी स्थापित हो रही है।
यहां पिज्जा हट, डामिनोज, करी लीफ, पैंटालून जैसे बड़े ब्रांड के आउटलेट खुले हैं। कुछ आउटलेट राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद तो कुछ मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद खुले हैं। राममंदिर के गेट के ठीक सामने साउथ की मशहूर संस्था उडुप्पी ने भी अपने रेस्टोरेंट खोल दिए हैं। स्मार्ट बाजार, रिलायंस ट्रेंड्स, काॅब इटली के आउटलेट भी खुल गए हैं।
दंतधावन कुंड मार्ग पर नया बाजार बस गया है। पूरे मार्ग पर छोटी-छोटी दुकानें सजी हैं। किसी ने प्रसाद सामग्री सजा रखी है तो किसी ने फोटो की दुकान। कोई रामनामी गमछा बेच रहा है तो किसी ने जलपान व भोजनालय खोल रखा है। एक दुकानदार ने बताया कि उन्होंने जनवरी के अंतिम सप्ताह में छोटी सी दुकान प्रसाद सामग्री की खोली थी। शुरुआत में रोजाना तीन से चार हजार की कमाई हो जाती थी। अब श्रद्धालु घटे हैं फिर भी डेढ़ से दो हजार की कमाई हो जाती है।
मंदिर निर्माण में चार करोड़ लोगों ने दिया 10 रुपये का दान: चंपत
छोटे-छोटे सहयोग से ही बड़ा काम होता है। अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए चार करोड़ लोगों ने 10-10 रुपये का योगदान दिया है। सभी के सहयोग से भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो सका है।