अमरनाथ हादसे से फंसे श्रद्धालुओं के परिजन परेशान, 15 बहे, 65 लापता, बचाव कार्य जारी
श्रीनगर। अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने से आए सैलाब में अभी तक 15 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इस दौरान 65 श्रद्धालु लापता बताए जा रहे हैं। छह घायलों को मलबे से जिंदा बचाया गया है। बाढ़ के पानी में कम से कम 25 टेंट बह गए हैं। घायलों को एयर लिफ्ट किया जा रहा है।घाटी में पूरी रात हल्की बारिश हुई है और यह बारिश शनिवार को भी जारी है। बारिश के बीच एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ी तमाम एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं को ढूंढने के लिए खोजी कुत्तों का भी सहारा लिया जा रहा है।
इसी बीच बालटाल और पहलगाम मार्ग से अमरनाथ की पैदल यात्रा को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसके बावजूद जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से शनिवार को पहलगाम आधार शिविर के लिए चार हजार से अधिक श्रद्धालुओं का एक जत्था रवाना हो गया। इसी बीच जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बारिश के बावजूद वाहनों की आवाजाही के लिए खुला है।
अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना शाम करीब साढ़े पांच बजे हुई थी। बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई। बाढ़ के कारण पहाड़ से पानी के बहाव के साथ आई मिट्टी और पत्थर में कम से कम 25 टेंट और तीन लंगर बह गए थे। इस घटना में अभी तक 15 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है जबकि 6 श्रद्धालुओं को जिंदा बचा लिया गया है और उनका उपचार अमरनाथ गुफा के पास के अस्पताल में जारी है।अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों के अलावा पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों द्वारा बचाव कार्य जारी है। इस कार्य में खोजी कुत्तों का भी सहारा लिया जा रहा है। आपदा प्रबंधन दल यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं और मलबे से निकल रहे घायलों को एयर लिफ्ट किया जा रहा है।