दीघा के तट से टकराया अम्फान, ओडिशा और बंगाल में तेज हुई हवा और बारिश

दीघा के तट से टकराया अम्फान, ओडिशा और बंगाल में तेज हुई हवा और बारिश
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भुवनेश्वर। सुपर चक्रवात अम्फान के जमीन से टकराने में करीब 4 घंटे लगेंगे। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात दोपहर ढाई बजे के करीब पश्चिम घाट सुंदरबन के टकराया। ये 18-19 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।ओडिशा के तटीय इलाकों में हवा की रफ्तार बढ़ी है और पारादीप में बारिश के साथ 100 प्रति घंटे की रफ्तार से हवा बह रही है। हालांकि पश्चिम बंगाल में हवा की गति तेज नहीं है। संकट की स्थिति को देखते हुए ओडिशा में बालासोर और भद्रक 1.5 लाख और पश्चिम बंगाल के 3.3 लाख को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।

एनडीआरएफ की टीम ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों में एनडीआरएफ काम कर रही हैं। 20 टीमें ओडिशा और 19 टीमें पश्चिम बंगाल में हैं। एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने बताया की दोनों राज्यों में हमारा मुख्य काम लैंडफाल के बाद शुरू होगा। प्रभावित जिलों में 4-4 टीमों को तैनात किया गया है। 24 टीमें एयरलिफ्ट के लिए स्टैंडबाय में हैं। ये 15 मिनट में तैयार होकर एयरलिफ्ट हो सकती हैं।

कोरोना संक्रमण के चलते एनडीआरएफ की टीमें इन क्षेत्रों में पीपीई किट पहनकर काम कर रहीं है। तेज हवाओं के चलने के कारण कई जगह पेड़ टूटकर गए है। जिन्हें एनडीआरएफ की टीम द्वारा हटाया जा रहा है। पश्चिम बंगाल में 5 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। वहीँ ओडिशा में 1 लाख 98 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

जिलों को एसएमएस से किया किया जा रहा अलर्ट -

एनडीआरएफ का कहना है कि प्रभावित होने वाले जिलों में लोगों को एसएमएस से अलर्ट किया जा रहा है। मोबाइल कंपनियों को पर्याप्त मात्रा में डीजी सेट, जेनरेटर, पार्ट्स और पावर इक्विपमेंट तैयार रखने के लिए कहा गया है। चक्रवात से किसी मोबाइल कंपनी के टॉवर या केबल को नुकसान पहुंचा तो उपभोक्ता को दूसरी कंपनी के टॉवर से सुविधा दी जाएगी।



21 साल बाद आया बड़ा चक्रवात -

देश में 21 साल के बाद कोई सुपर साइक्लोन आया है। 1999 में एक चक्रवात ओडिशा के तट से टकराया था। उसे साइक्लोन ओ5 बी या पारादीप साइक्लोन का नाम दिया गया था। यह बंगाल की खाड़ी में सुंदरबन के समीप पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया के बीच कहीं टकराएगा। इस तूफ़ान से पश्चिम बंगाल के तीन तटीय जिले पूर्वी मिदनापुर, 24 दक्षिण और उत्तरी परगना के साथ ही हावड़ा, हुगली, पश्चिमी मिदनापुर और कोलकाता पर इसका असर नजर आएगा। वही ओडिशा के 9 जिले पुरी, गंजाम, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रापाड़ा, जाजपुर, गंजाम, भद्रक और बालासोर इससे प्रभावित होंगे।



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