लोकसभा के बाद राज्यसभा में पारित हुआ दिल्ली सेवा बिल, शाह ने कहा - ये लोगों की सुरक्षा के लिए
नईदिल्ली। संसद के मानसून सत्र का आज 13 वां दिन है। इससे पहले के दिनों की करवाई विपक्ष के हंगामें की भेंट चढ़ चुके है। आज बजी मणिपुर, नूंह हिंसा और दिल्ली सेवा विधेयक पर हंगामा मचने के आसार है। लोकसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पारित होने के बाद आज गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक- 2023 को राज्यसभा में पेश किया।ऑटोमैटिक वोटिंग मशीन खराब होने के कारण पर्ची से वोटिंग कराई गई। पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोट डले। बिल अब राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा।
दिनभर की बहस के बाद गृह मंत्री अमित शाह जवाब देने आए तो उन्होंने विपक्ष को चैलेंज दिया कि इस बिल को गिराकर दिखाओ। उन्होंने कहा- 8 से 10 अगस्त तक लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है, इसलिए विपक्ष मणिपुर पर 11 अगस्त को चर्चा करे।राज्यसभा में बिल पास होने के तुरंत बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि संसद में अमित शाह ने कहा कि हमारे पास कानून पास करने की शक्ति है। आपको लोगों के लिए काम करने की शक्ति दी गई है, उनके अधिकार छीनने की नहीं।
भाजपा को मिला बीजद और वाईएसआर कांग्रेस का साथ -
इसके लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है। इस व्हिप में सांसदों को कहा गया है कि वह राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने तक सदन में मौजूद रहें। हालांकि बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के समर्थन से एनडीए सरकार को उम्मीद है कि यह विधेयक राज्यसभा से भी आसानी से पास हो जाएगा।
कांग्रेस ने किया विरोध
आज विधेयक को पेश किए जाने का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने विधेयक का विरोध किया। इसे अलोकतांत्रिक बताया और विधेयक के प्रावधानों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इसमें अधिकारी को जन प्रतिनिधि से ज्यादा ताकत दी गई है।ऐसा पहली बार होगा जब दो सचिवों के नीचे सीएम को रखने का प्रावधान किया जा रहा है. दिल्ली में सुपर सीएम बनाने की कोशिश है. बिल में सुपर सीएम, सुपर बॉस का प्रावधान किया गया है।
आप ने किया विरोध -
वहीँ आम आदमी पार्टी की तरफ से राज्यसभा में सांसद सुशील गुप्ता ने बिलका विरोध किया। उन्होंने अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि ये दो करोड़ लोगों की वोट की पावर को कम करने वाला बिल है। संघीय ढांचे पर प्रहार करने वाला बिल है। इस बिल का जमकर विरोध किया जाएगा।
राज्यसभा में सोमवार को केंद्र सरकार की तरफ से पेश किया गया दिल्ली सर्विस बिल पास हो गया।