Angel Tax Abolished : एंजेल टैक्स है क्या, जिसे खत्म कर केंद्र ने उठाया बड़ा कदम, क्या होगा इसका असर
What Is Angel Tax
Angel Tax Abolished : नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को बजट पेश किया। इसमें की तरह के टैक्स बढ़ाए गए और कई तरह के टैक्स को घटाया भी गया। एक टैक्स जिसे केंद्र ने ख़त्म कर दिया है उसकी खूब चर्चा की जा रही है - वह है एंजेल टैक्स (Angel Tax), इस टैक्स के ख़त्म होने से स्टार्टअप वाले बेहद खुश हैं। उनके लिए तो ये किसी सपने की तरह है। आइए जानते हैं आसान भाषा में कि, आखिर ये एंजेल टैक्स है क्या (what is angel tax) और इसके खत्म होने से स्टार्टअप वाले इतना खुश क्यों हैं?
एंजेल टैक्स, स्टार्टअप के लिए किसी बुरे सपने की तरह थे। भारत में स्टार्टअप के विकास की जब भी बहस छिड़ती थी एक ही मांग की जाती थी कि, एंजेल टैक्स को खत्म कर दिया जाए। अब सरकार ने स्टार्टअप वालों की इस मांग को मान लिया है। बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एंजेल टैक्स को खत्म करने की घोषणा की है।
नाम से तो ये एंजेल टैक्स बड़ा मासूम लगता है लेकिन असल में स्टार्टअप के लिए यह उतना ही दुखदायी था। इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 56 (2)(6b) में इसका उल्लेख है। इसके अनुसार, अगर कोई विदेशी निवेशक भारतीय स्टार्टअप में निवेश करता है तो उसे भारत सरकार स्टार्टअप की इनकम के रूप में समझती थी और इस आय पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाती थी। इसे ही एंजेल टैक्स कहा जाता था।
एंजेल टैक्स से क्या दिक्कत थी ?
दरअसल, स्टार्टअप के लिए फंड जुटाना एक बड़ी दिक्कत होती है। ऐसे में अगर विदेशी इन्वेस्टर्स से मिलने वाली इन्वेस्टमेंट को सरकार आय समझकर टैक्स लगाती थी तो इससे स्टार्टअप को फंड की समस्या का सामना करना पड़ता था। इसके अलावा एंजेल टैक्स न्यू इनोवेशन और स्टार्टअप कल्चर पर बुरा प्रभाव डाल रहे थे इसके चलते इसका विरोध भी किया जाता था।
एंजेल टैक्स हटाने से फायदे :
एंजल टैक्स को हटाने से स्टार्टअप में अब निवेश के लिए अच्छा इकोसिस्टम डेवलप होगा। इससे भारत में उद्यमिता को बढ़ावा भी मिलेगा। नवाचार और आत्मनिर्भर भारत के लिए भी यह एक अच्छा कदम माना जा रहा है।